June 11, 2025 | By Akshay Barman
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विज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नई क्रांति देखने को मिली है, जब मशहूर साइंस कम्युनिकेटर Hashem Al-Ghaili ने Google के नवीनतम AI वीडियो टूल Veo 3 का इस्तेमाल करके एक शानदार कीट-जीवन पर आधारित वीडियो जारी किया।
यह वीडियो X (पहले Twitter) पर साझा किया गया, जिसमें मच्छर, मधुमक्खी और चींटी जैसे कीड़ों की macro videography बेहद वास्तविक और सुंदर अंदाज़ में दिखाई गई है। खास बात यह है कि यह सब कुछ किसी कैमरा या असली सेटअप के बिना, सिर्फ AI के ज़रिए तैयार किया गया है।
क्या है Veo 3?
Google का Veo 3, एक जनरेटिव AI वीडियो टूल है, जिसे डॉक्यूमेंट्री और विजुअल स्टोरीटेलिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके साथ ही Flow नामक एक सहायक टूल भी लॉन्च किया गया है, जो AI फिल्ममेकर्स को कहानी को नेरेटिव रूप में पेश करने में मदद करता है।
कीड़ों की दुनिया अब AI से
Hashem Al-Ghaili द्वारा बनाया गया वीडियो दर्शाता है कि कैसे AI अब कीड़ों जैसे बारीक और माइक्रो लेवल विषयों को भी बेहतरीन क्वालिटी में प्रस्तुत कर सकता है। इस वीडियो में हर कीड़े की हरकत, उसके पंखों की गति, प्राकृतिक आवाज़ें — सब कुछ अत्यंत वास्तविक रूप में दिखाया गया है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में डॉक्यूमेंट्री मेकिंग के लिए भारी भरकम कैमरा, माइक्रो लेन्स या जंगलों की यात्रा की आवश्यकता नहीं होगी।
रचनात्मकता या खतरा?
जहाँ एक ओर यह तकनीक low-budget creators के लिए दरवाज़े खोलती है, वहीं दूसरी ओर कुछ संस्थाओं ने इसके दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई है।
Archival Producers Alliance ने चेतावनी दी है कि AI से बनाए गए “fake archival footage” का इस्तेमाल डॉक्यूमेंट्री के सच्चाई पर आधारित स्वरूप को नुकसान पहुँचा सकता है। अगर दर्शकों को यह नहीं बताया गया कि वीडियो AI से बना है, तो इससे विश्वसनीयता और पत्रकारिता मूल्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
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क्या यह फिल्ममेकिंग का भविष्य है?
Hashem Al-Ghaili का यह प्रयोग सिर्फ एक शुरुआत है। यह दिखाता है कि AI अब रचनात्मकता को अगले स्तर पर ले जा सकता है, और संभवतः बड़े स्टूडियोज़ और इंडिपेंडेंट क्रिएटर्स दोनों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
लेकिन इस टेक्नोलॉजी को जिम्मेदारी से उपयोग करना भी उतना ही ज़रूरी है, ताकि सच और कल्पना के बीच की रेखा स्पष्ट बनी रहे।
निष्कर्ष
Google का Veo 3 और Flow टूल्स ने यह साबित कर दिया है कि अब AI सिर्फ टेक्स्ट या इमेज तक सीमित नहीं है — अब AI से फिल्में बनाना भी हकीकत है।
Hashem Al-Ghaili का यह वीडियो हमें भविष्य की एक झलक देता है — एक ऐसी दुनिया की जहां विजुअल स्टोरीटेलिंग बिना कैमरे और बिना लोकेशन शूट के संभव हो रही है। लेकिन इस तकनीक को अपनाने के साथ हमें इसकी नैतिकता और सच्चाई की जिम्मेदारी भी उठानी होगी।
I tested whether Veo 3 can handle macro videography. The result was amazing! This tool keeps blowing my mind! 🤯🤯
— Hashem Al-Ghaili (@HashemGhaili) June 10, 2025
It generated the footage with sound effects for each shot. It’s going to change documentary filmmaking forever. pic.twitter.com/5q8xwbAVZG
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