NeuroSpot नाम का AI सिस्टम कैफे में बारिस्ता और ग्राहकों की हर हरकत पर नजर रखता है।
AI ट्रैक करता है कि बारिस्ता कब आया, कितना काम किया और कब आराम किया।
कैफे में आने वाले ग्राहक कितनी देर रुके, कहां बैठे, क्या किया – सब कुछ रिकॉर्ड।
अमेरिका के रिटेल स्टोर में भी ऐसे AI कैमरे लगे हैं, जो स्टाफ और ग्राहकों पर नजर रखते हैं।
क्या हमें पता होता है कि हमारी हरकतें रिकॉर्ड हो रही हैं? लोगों को निजता की चिंता सता रही है।
कुछ लोग इसे चीन के सिस्टम जैसा मानते हैं, जहां हर व्यक्ति का स्कोर बनता है — लेकिन विशेषज्ञों की राय अलग है।
AI से सेवा तो बेहतर हो सकती है, लेकिन इंसानी आज़ादी पर इसका असर भी गंभीर हो सकता है।
तकनीक का इस्तेमाल ज़िम्मेदारी से हो, तभी ये फायदेमंद साबित होगी — वरना हर कदम पर कैमरा एक डर बन सकता है।