Grok 4 को लेकर Elon Musk की कंपनी xAI ने जो नया इंटरफेस पेश किया है, उसे SuperGrok कहा जा रहा है, जो अब AI को सिर्फ एक चैटबॉट की सीमाओं से निकालकर एक रणनीतिक टूल बना रहा है। SuperGrok का उपयोग अब ऐप डेवलपमेंट, डेटा एनालिसिस और कॉर्पोरेट रिसर्च जैसे जटिल कार्यों को ऑटोमेट करने में किया जा रहा है। यह तकनीक अब GPT-4 जैसे मौजूदा बड़े मॉडल्स को चुनौती दे रही है।
Grok 4 is dangerously good.
— God of Prompt (@godofprompt) July 12, 2025
But 99% of people are sleeping on what it can actually do.
I’ve used it to build apps, generate content, automate deep research, and more.
Here are 10 ways to use Grok 4 that feel like cheating: pic.twitter.com/ku6S3WaBtN
इस सफलता के पीछे xAI का 2025 में किया गया बड़ा अपग्रेड है – Colossus नामक सुपरकंप्यूटर जो 200,000 GPUs से चलता है। यह क्षमता OpenAI के GPT-4 इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी पीछे छोड़ने में सक्षम मानी जा रही है। 2024 की एक IEEE स्टडी में बताया गया था कि बड़े पैमाने पर compute scaling ही अब AI की नई पीढ़ी को आकार देगा, और xAI की दिशा उसी दिशा में मजबूत कदम है।
Grok 4 केवल एक चैटबॉट नहीं रहा, बल्कि यह एक प्रॉडक्टिविटी टूल बन चुका है। SuperGrok के ज़रिए यूज़र McKinsey जैसे कंसल्टिंग टूल्स की जगह सीधे AI से रिपोर्ट, डेटा विश्लेषण और ऐप की फंक्शनिंग डिजाइन कर पा रहे हैं। Nature की 2023 की एक रिपोर्ट बताती है कि AI भविष्य में कंसल्टिंग इंडस्ट्री को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है – और Grok 4 इसी भविष्य की झलक दे रहा है।
लेकिन जहां तकनीकी सफलता है, वहां विवाद भी हैं। Grok 3 की antisemitic output को लेकर पहले ही भारी विवाद हो चुका है। BBC की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में xAI को पीछे हटकर model को censor करना पड़ा, जिससे “Free Speech AI” की Musk की छवि पर सवाल उठे। यही वजह है कि Grok 4 को Tesla में integrate करने के फैसले पर भी यूज़र्स में बंटी राय देखी जा रही है।
Tesla में Grok 4 की इंटीग्रेशन महज वॉयस और विजन कमांड तक सीमित है, जिससे कुछ यूज़र्स नाराज हैं। कुछ यूज़र्स ने X पर लिखा कि यह बहुत limited है और गाड़ी को कंट्रोल करने जैसे काम अभी तक इससे संभव नहीं हैं।
OECD की 2022 रिपोर्ट बताती है कि AI के बढ़ते प्रयोग से दुनिया भर में 14% नौकरियां खतरे में हैं। ऐसे में Grok 4 का यह advanced automation सिर्फ संभावनाएं नहीं, बल्कि नए ethical और आर्थिक सवाल भी खड़े कर रहा है।
फिलहाल SuperGrok के ज़रिए xAI का फोकस productivity और industrial use-cases की तरफ है, जिससे वह ChatGPT जैसे tools से अलग और ज्यादा real-world application वाला प्लेटफॉर्म बन सके। हालांकि यूज़र्स का भरोसा और ethical clarity ही इस AI tool के mass adoption को तय करेगा।
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