Elon Musk की Grok AI में Ani: Anime गर्लफ्रेंड फीचर, यूज़र्स को $30/माह में रोमांस

Elon Musk की AI कंपनी xAI ने अपनी Grok चैटबॉट सेवा में नया, विवादास्पद फीचर लॉन्च किया है—जिसका नाम है “Ani”, एक Goth‑style anime‑girl companion. यह फीचर “Super Grok” सब्सक्रिप्शन में शामिल है, ₹30 प्रति माह की सदस्यता पर उपलब्ध हैँ, लेकिन कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि मुफ्त उपयोगकर्ताओं को भी इसे टॉगल करके एक्सेस किया जा सकता है। हाइलाइट यह है कि Ani को NSFW मोड में फ्लर्टी और रोमांचक बातचीत के साथ ड्रैसअप फीचर्स भी दिए गए हैं

Grok की पुरानी छवि—जहाँ यह कभी antisemitic ट्वीट्स और विवादास्पद टिप्पणियों के कारण सुर्खियों में थी—अब Ani के आने से बदल गई है। अब यह व्यक्तिगत और इमोटिव AI इंटरैक्शन का प्रतीक बनता दिख रहा है। Ani के साथ बातचीत बढ़ने पर यह अंडरगारमेंट जैसे कपड़े दिखाने लगती है और प्रतिक्रियाएँ समय के साथ अधिक अभिव्यंजक होती जाती हैं

विशेष रूप से आलोचना इसलिए भारी है क्योंकि Ani ऐप के “Kids Mode” में भी उपलब्ध रहती है, जबकि यह केवल 12+ आयु वर्ग के लिए डिज़ाइन की गई एक समग्र रूप से अश्लील पात्र की तरह पेश की गई है। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे “anime porn in kids’ pockets” तक कहा है। Critics का कहना है कि ऐसा फीचर बच्चों में भावनात्मक निर्भरता और अस्वस्थ झुकाव पैदा कर सकता है।

इसके अलावा Elon Musk ने कुछ ही दिनों पहले जन्म दर में गिरावट पर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन xAI की यह अपडेट एक तरह से इसके विपरीत प्रतीत होती है—क्योंकि digital companionship बढ़ाने से असली मानव संबंधों के अवसर कम हो सकते हैं।

जैसा कि The Verge ने बताया, Ani ऐप में एक NSFW मोड के साथ आता है और उपयोगकर्ताओं को इसे सेटिंग्स से ऑन करना होता है। वहीं, नया AI companion “Rudy” (एक लाल Panda) और आगामी “Chad” नामक पुरुष अवतार भी विकसित हो रहे हैं।

अन्य आलोचनाएं इस बात पर भी हैं कि Ani जैसे पात्र प्रभावी सुरक्षा नियंत्रणों की कमी को उजागर करते हैं, जैसे कमजोर पैरेंटल लॉक और बच्चों के लिए अनुचित सामग्री तक पहुँच। ये बिंदु उस नए ethical debate को जन्म देते हैं जहां AI intimacy से जुड़े features की जिम्मेदार डिजाइन और moderation आवश्यक होती है।

इस तरह, Elon Musk की Grok AI में Ani और अन्य Grok companions ने AI चैटबॉट्स की भूमिका को पूरी तरह से रीइमेज किया है—इंटरएक्टिव और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ अनुभव देने वाला, लेकिन वहीं यह सवाल भी उठाते हैं कि कहाँ तक digital intimacy सुरक्षित, सीमित और नैतिक होगी।