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Google और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की Lichtman Lab ने मिलकर एक ऐतिहासिक वैज्ञानिक सफलता हासिल की है।
उन्होंने एक घन मिलीमीटर इंसानी ब्रेन टिशू को इतनी बारीकी से मैप किया है कि उसमें 57,000 कोशिकाएं (cells) और 150 मिलियन synaptic connections को पहचान लिया गया।
Google mapped a cubic millimeter of brain tissue at synaptic resolution.
— AI Archive (@AI_Archive_) May 26, 2025
57,000 cells.
150 million connections.
All publicly available.
The most detailed brain map ever created––and they're giving it away.
The path to understanding consciousness is being paved by machines. pic.twitter.com/WxkNwV6cvR
Neuroglancer: एक क्लिक में दिखेगा दिमाग का हर कनेक्शन
यह पूरा डाटा अब Neuroglancer नाम के ऑनलाइन ब्राउज़र टूल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है,
जहाँ कोई भी व्यक्ति इस माइक्रो-लेवल ब्रेन मैप को 3D में देख सकता है।
- मशीन लर्निंग की ताकत से हुआ संभव
- इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें Google Research द्वारा बनाए गए एडवांस्ड मशीन लर्निंग टूल्स का इस्तेमाल किया गया, जिससे पारंपरिक तरीकों की तुलना में यह मैपिंग प्रक्रिया कई गुना तेज हो गई।
- यह केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि AI और बायोलॉजी का मेल है — जो भविष्य की रिसर्च को नई दिशा देगा।
क्यों है यह मैप इतना जरूरी?
दिमाग के इतने बारीकी से मैपिंग करने से हमें –
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को समझने में मदद मिलेगी (जैसे अल्जाइमर, डिप्रेशन, आदि)
- दिमाग के वर्किंग प्रोसेस और कॉन्शसनेस (चेतना) की गहराई को जानने का मौका मिलेगा
- ब्रेन-इंस्पायर्ड AI सिस्टम्स को बनाने में यह मैप इस्तेमाल हो सकेगा
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और भी चल रहे हैं बड़े रिसर्च
इस प्रोजेक्ट के साथ ही दुनिया भर में –
- Synaptic Density Imaging जैसे PET न्यूरोइमेजिंग टेक्निक्स पर काम हो रहा है
- In vivo high-resolution brain atlases बनाए जा रहे हैं
जिससे इंसानी दिमाग की संरचना और कार्यप्रणाली को और अच्छे से समझा जा सके
डेटा अब सार्वजनिक: रिसर्च की आज़ादी
Google ने यह पूरा डेटा पब्लिक डोमेन में रखा है, ताकि –
- दुनिया भर के साइंटिस्ट
- मेडिकल स्टूडेंट्स
- और AI डेवलपर्स
इससे लाभ ले सकें और अपने-अपने क्षेत्र में नवाचार कर सकें।
निष्कर्ष
Google और हार्वर्ड की यह साझेदारी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
यह न केवल इंसानी दिमाग की जटिलता को समझने में मदद करेगा, बल्कि AI और न्यूरोसाइंस के संगम को एक नई ऊंचाई देगा। Source : Google Research, harvard university, jneurosci, sciencedirect
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