जुलाई 2025 में घोषित हुए \$16.5 बिलियन के Tesla-Samsung AI चिप डील ने टेक और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। इस डील के तहत Samsung अपने कम उपयोग में आने वाले टेक्सास प्लांट को नई जान देने जा रहा है, जो लंबे समय से बड़े क्लाइंट्स की कमी और डिले का सामना कर रहा था। Tesla के आने से अमेरिकी सेमीकंडक्टर क्षमता में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है, जिसे \$4.75 बिलियन के Chips Act फंडिंग का भी समर्थन मिला है।
Tesla and Samsung just signed a $16.5B AI pact.
— Heath Ahrens (@heathahrens) August 11, 2025
It’s not about chips or cash.
It’s about the ONE move that will decide which AI companies survive the next decade, and which disappear.
Here’s what the next 10 years of AI will really look like: ⬇️ pic.twitter.com/FWYS2Oh6O3
इस साझेदारी में Tesla का कस्टम AI6 चिप डिज़ाइन Samsung के मैन्युफैक्चरिंग पावर के साथ जोड़ा जाएगा। खास बात यह है कि दोनों कंपनियां ऑस्टिन में पास-पास हैं, जिससे रियल-टाइम कोलैबोरेशन संभव होगा — यह पारंपरिक आउटसोर्सिंग मॉडल से बिल्कुल अलग है। 2023 के MIT अध्ययन के अनुसार, वर्टिकल इंटिग्रेशन इनोवेशन साइकिल को तेज़ करता है, और यह डील उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
यह कदम TSMC जैसे चिप दिग्गजों की मोनोपोली को चुनौती दे सकता है। नए अमेरिकी चिप प्लांट्स से अतिरिक्त क्षमता आने के कारण AI स्टार्टअप्स के लिए चिप की कीमतें कम हो सकती हैं। वहीं, एलन मस्क का प्रोडक्शन लाइन्स पर खुद नजर रखना इस बात का संकेत है कि Tesla एक बड़ा स्ट्रैटेजिक रिस्क लेकर सप्लाई चेन डायनेमिक्स को अगले दशक के लिए बदलने की कोशिश कर रहा है।