AI बूम बड़े तकनीकी दिग्गजों के लिए कर सकता है बड़ा संकट: Oracle स्टॉक, IT छंटनी और गति की दौड़

दुनिया भर में AI (विशेषकर जनरेटिव AI) का बूम है, लेकिन इस बूम से बड़े तकनीकी फर्मों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालिया रिपोर्ट्स और घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जितनी तेजी से उम्मीदें बढ़ रही हैं, उतनी ही तेज चुनौतियाँ भी।

सबसे पहले, Oracle के स्टॉक में अचानक चढ़ाव ने बाजार में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या AI स्टॉक बबल बन रहा है। Oracle की शेयर दर में लगभग 40-43% की उछाल आई है क्योंकि निवेशक AI क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स की उम्मीद लगा रहे हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि लाभ (profit margins) पर असर पड़ेगा क्योंकि प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ चुकी है।

दूसरी बड़ी चुनौती है कि ज़्यादातर जनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स असल उपयोग में भेजे जाने पर उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। MIT की एक स्टडी से पता चला है कि लगभग 95% ऐसे प्रोजेक्ट्स व्यवसायों में असली बदलाव नहीं ला पा रहे — चाहे वह राजस्व (revenue) बढ़ाना हो या उत्पादकता (productivity) बढ़ाना — और ये प्रायः कस्टमाइज़ेशन, डेटा एकीकारण (data integration) और उपयोगकर्ता आवश्यकताएँ पूरी तरह न समझने की वजह से विफल हो रहे हैं।

तीसरी चुनौती है मानव संसाधन (talent) और कौशल (skills) की कमी। बड़े फर्मों को अब ऐसे AI विशेषज्ञों की जरूरत है जो मॉडल-निर्माण (model building), AI गवर्नेंस, डेटा गोपनीयता, एथिक्स आदि में दक्ष हों, लेकिन ये विशेषज्ञ सीमित उपलब्ध हैं। नियुक्तियाँ बहुत महंगी हो रही हैं और इन नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा तेज है।

चौथी समस्या है छंटनी और संरचनात्मक बदलाव। उदाहरण के लिए, भारत की आईटी कम्पनी Tata Consultancy Services (TCS) ने AI-स्वचालन और दक्षता मांगने के चलते 12,000 से ज़्यादा कर्मचारी छाँटने का फैसला किया है। ये सिर्फ लागत कम करने के लिए नहीं बल्कि परिवर्तन की मांग है — कार्यों (tasks) का पुनः निर्धारण, स्वचालन, और AI के उपयोगकर्ता-गति बढ़ने के कारण।

पांचवी चुनौती है नियामक दबाव और बाजार अपेक्षाएँ (regulatory pressure & expectations)। जहाँ टेक फर्मों को नए AI उत्पादों गतिविधियों के लिए गोपनीयता (data privacy), एथिक्स, उत्तरदायित्व (accountability) आदि मामलों में कठोर नियमन का सामना करना है, वहीं निवेशकों का भरोसा भी इस बात पर निर्भर है कि वे वास्तव में लाभ और स्थायित्व दिखा सकें। पीछे छूटने की स्थिति में, मूल्यांकन (valuation) घट सकता है।

संभावित उपाय और विचारकंपनियों को चाहिए कि वे AI प्रोजेक्ट्स में शुरुआती परीक्षण (pilot) और छोटे-परिमाण (small scale) शुरुआत करें, फिर सफल मॉडलों को स्केल करें।AI टीम्स में कौशल विकास और प्रशिक्षण (upskilling) जरूरी है — जैसे एथिक्स, डेटा लागिंग, मॉडल की सटीकता, आदि क्षेत्र।निवेशकों और प्रबंधन को चाहिए कि वे hype के बजाय मापन योग्य मेट्रिक्स-जैसे ROI, उपयोगकर्ता अनुभव, लाभप्रदता इत्यादि पर ध्यान दें।नीति निर्माताओं और नियामकों को चाहिए कि वे स्पष्ट नियम बनाएं, AI उत्पादों के लिए Incident Reporting, Fairness Standard आदि स्थापित हों।