सोशल मीडिया पर Google Gemini का Nano Banana AI Saree ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है – लोग अपनी सेल्फी को 90s बॉलीवुड-स्टाइल साड़ी पोर्ट्रेट में बदलने के लिए इस AI टूल का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन इस ट्रेंड ने सिर्फ तारीफ़ नहीं पाई; इसके साथ कई लोगों ने सुरक्षा और प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएँ भी उठाईं हैं।
Everyone's posting gorgeous Al saree pics – and honestly, they look amazing. But here's the reality: some of these photos are being stolen, reused in fake accounts, or worse, in deepfake content. These apps often store your face data. They will use your face to train#Gemini #AI pic.twitter.com/IpnYyutpJr
— Banshi (@banshi10995825) September 14, 2025
एक यूज़र ने बताया कि उसने अपनी सेल्फी अपलोड की थी और AI ने एडिट्ड तस्वीर में एक मोल (तिल) दिखाया जो असल में उसकी फोटो में नहीं था। यह देख कर वो काफी डर गई क्योंकि यह दर्शाता है कि AI ने कुछ ऐसी जानकारी जैसे व्यक्ति की पिछले फोटो या ऑनलाइन उपलब्ध इमेजेस से खींच ली हो सकती है – कुछ ऐसी बातें जो उपयोगकर्ता ने साझा नहीं की थीं।
Google का कहना है कि Nano Banana टूल में हर AI-जनित इमेज के साथ एक invisible वॉटरमार्क होता है जिसे SynthID कहा जाता है, और साथ ही metadata टैग्स भी लगते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इमेज AI-edit की गई है। लेकिन एक बड़ी समस्या यह है कि यह वॉटरमार्क अभी सार्वजनिक जांच (public detection tools) के लिए उपलब्ध नहीं है – यानी आम व्यक्ति यह पता नहीं लगा सकता कि किसी चित्र में वॉटरमार्क है या नहीं।
प्राइवेसी विशेषज्ञों का कहना है कि वॉटरमार्क और टैग्स अच्छे कदम हैं, लेकिन अकेले वो पर्याप्त नहीं हैं। टेक्नोलॉजी में हैकिंग, deepfake, या अनधिकृत क्लोन बनाने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। उदाहरण के लिए किसी भी फोटो में कुछ भी एड किया जा सकता है जिससे पहचान गलत रूप से हो, जैसे कि कोई विशेष निशान, चेहरे की बनावट, या अन्य पहचान से जुड़े छोटे-छोटे विवरण।
पुलिस और साइबर सुरक्षा अधिकारी भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। IPS अधिकारी VC Sajjanar ने कहा है कि यह ट्रेंड “फॉलिंग इन्टू यूनफेयर ट्रैप” हो सकता है – जहां लोग बिना चेतावनी के अपने पर्सनल फोटो साझा कर देते हैं और बाद में उनका डेटा अनपेक्षित रूप से उपयोग हो सकता है।
इन सब परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए, कुछ तरीके हैं जिनसे आप इस तरह के AI ट्रेंड्स का मज़ा लेते हुए अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं:
- अपने फोटो अपलोड करने से पहले यह देख लें कि वह निजी नहीं है — यानी ऐसे बॅकग्राउंड या वस्तुएँ न हों जो आपकी पहचान बता देती हों।
- फोटो से metadata हटाएँ (लोकेशन टैग्स आदि) ताकि पता न चले कि फोटो कब और कहाँ ली गई थी।
- केवल आधिकारिक प्लेटफार्म और ऐप का ही उपयोग करें; ऐसे कई नकली या अनधिकृत ऐप्स हो सकते हैं जो डेटा चोरी कर सकते हैं।
- कम-रिज़ॉल्यूशन फोटो साझा करें – जितनी गुणवत्ता कम, उतना कम जोखिम।
- अपनी प्रोफ़ाइल और सोशल मीडिया सेटिंग्स को प्राइवेट रखें; उन ऐप्स को अधिक एक्सेस न दें जो कैमरा या गैलरी से ज़्यादा डाटा माँगते हैं।
- Terms of Service और Privacy Policy ध्यान से पढ़ें – यह देखें कि आपकी फोटो का उपयोग कैसे हो सकता है, कहीं क्या आप “training data” में इस्तेमाल होने की अनुमति दे रहे हैं या नहीं।
निष्कर्ष: Google Gemini का Nano Banana AI Saree ट्रेंड कला और क्रिएटिविटी को एक नया आयाम दे रहा है, लेकिन प्राइवेसी और पहचान-संबंधी पहलुओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए। सुरक्षा उपायों का पालन करें, सतर्क रहें और समझदारी से कदम उठाएँ – ताकि ट्रेंड का आनंद लेते समय किसी तरह की दिक्कत न हो।
Google Gemini's "Nano Banana" AI Saree Filters Are Everywhere – Here's the Hidden Privacy Issue You're Missing https://t.co/Mz8fVkdYmv pic.twitter.com/QeurGeOPuE
— Randy Kemp (@randylewiskemp) September 15, 2025
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