AI Chatbots का बढ़ता खतरा: फिशिंग अटैक में हो रहा दुरुपयोग

तेजी से लोकप्रिय हो रहे AI चैटबॉट्स अब केवल सवालों के जवाब देने या जानकारी देने तक सीमित नहीं रह गए हैं। साइबर अपराधी इन्हें फिशिंग अटैक (Phishing Attacks) के लिए नए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

हाल के शोध में पाया गया है कि AI चैटबॉट्स की मदद से बनाए गए फिशिंग ईमेल पारंपरिक ईमेल से कहीं अधिक प्रभावी और वास्तविक लगते हैं। पहले जहां नकली ईमेल की भाषा या गलतियाँ आसानी से पकड़ी जा सकती थीं, वहीं अब AI की मदद से लिखे गए संदेश प्रोफेशनल और पर्सनलाइज्ड दिखाई देते हैं।

AI Chatbots का फिशिंग में इस्तेमाल

साइबर अपराधी AI चैटबॉट्स से ऐसे ईमेल, SMS और सोशल मीडिया मैसेज बना रहे हैं जो बिल्कुल असली लगते हैं। इनमें बैंक अलर्ट, सरकारी नोटिस, नौकरी के ऑफर या पासवर्ड रीसेट लिंक जैसी बातें शामिल होती हैं। यूज़र को लगता है कि ये वास्तविक संस्था से आए हैं और वह लिंक पर क्लिक कर अपनी जानकारी साझा कर देता है।

क्यों बढ़ा है खतरा?

  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP): AI चैटबॉट्स अब इंसानों जैसी भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
  • पर्सनलाइजेशन: यूज़र के डेटा के आधार पर चैटबॉट्स संदेशों को और भी विश्वसनीय बना सकते हैं।
  • स्पीड और स्केल: अपराधी एक साथ हजारों लोगों तक पलक झपकते ही पहुँच सकते हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी

साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले समय में AI-बेस्ड फिशिंग और भी खतरनाक हो सकती है, क्योंकि चैटबॉट्स वॉइस कॉल और डीपफेक वीडियो बनाने में भी सक्षम हो रहे हैं। इसका मतलब है कि यूज़र्स को भविष्य में सिर्फ ईमेल ही नहीं बल्कि फोन और वीडियो कॉल्स पर भी सतर्क रहना होगा।

बचाव के उपाय

  1. अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  2. बैंक या संस्था से आए मैसेज को आधिकारिक वेबसाइट/ऐप से वेरिफाई करें।
  3. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें।
  4. एंटी-फिशिंग टूल्स और सिक्योरिटी अपडेट्स को हमेशा ऑन रखें।

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