AI Sextortion से कैसे बचें: सुरक्षित रहने के उपाय और कानूनी सुरक्षा

AI-वाला sextortion यानी कोई आपसे intimate या नग्न सामग्री की मांग करे, धमकी दे कि अगर आप न करेंगे तो वह सार्वजनिक कर देगा – और यह कभी-कभी AI या deepfake तकनीक से भी किया जाता है। हाल ही में बहुत सारे मामले सामने आए हैं जहाँ scammers आपकी कोई फोटो ले लेते हैं, फिर उसे manipulate कर, threatened करते हैं। इस तरह के अपराध से सुरक्षित रहने के लिए कुछ तकनीकी, कानूनी और व्यवहारिक उपाय हैं जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।

सबसे पहले तकनीकी बचाव (tech safeguards) जरूरी हैं। जैसे कि इंस्टाग्राम और Meta ने “nudity protection in DMs” फीचर पेश किया है, जहाँ मेसेज में भेजी गई नग्न या करीब-करीब नग्न तस्वीरें पहले blur होती हैं, खासकर जब भेजने वाला अजनबी हो या लड़के/छोटी उम्र के हों। Meta ने ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग मॉडल तैनात किए हैं जो यूज़र के डिवाइस पर ही छवि की पहचान करते हैं, जिससे कि privacy बनी रहे और बिना यूज़र की रिपोर्ट किए सामग्री कंपनी द्वारा एक्सेस न हो।

दूसरा, कानूनी सुरक्षा (legal / policy safeguards) महत्वपूर्ण है। भारत में Information Technology Act, 2000 की Sections जैसे 67, 67A, 67B, 66E आदि के अंतर्गत ऐसे अपराधों का दंड है यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के अश्लील सामग्री प्रकाशित करे या भेजे। IPC (Indian Penal Code) की भी कुछ धाराएँ लागू होती हैं जैसे कि Stalking (निरंतर पीछा करना), Criminal Intimidation (धमकी देना) आदि।

तीसरा, प्लेटफार्म / कंपनी स्तर पर safeguards हैं जैसे Meta का “Take It Down” प्रोग्राम, जहां किशोर (teens) अपनी निजी intimate इमेज का डिजिटल फिंगरप्रिंट (hash) प्रस्तुत कर सकते हैं और अगर वे डरें कि उनकी कोई इमेज अवैध रूप से प्रसारित हो सकती है, तो कंपनी उस hash के ज़रिए किसी भी प्रतिलिपि को खोजने और हटाने का काम कर सकती है।

चौथा, व्यवहारिक / व्यक्तिगत उपाय (user-side practices) हैं जो आपको सुरक्षित रहने में मदद कर सकते हैं। अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स ज़्यादा सुरक्षित रखें, अजनबियों को निजी या संवेदनशील तस्वीरें न भेजें, “face visible” इमेज का उपयोग सोच-समझकर करें क्योंकि AI मॉडल अक्सर चेहरा देखकर deepfake या manipulated सामग्री बना सकते हैं। संदेह होने पर मेसेजेज़ का स्क्रीनशॉट रखें, रिपोर्ट करें, ब्लॉक करें।

पांचवा, शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना चाहिए (awareness). माता-पिता, शिक्षक, युवा स्वयं को यह जानना चाहिए कि sextortion कैसे काम करता है – झूठी दोस्ती, सेक्सुअल एडवांस, भावनात्मक दबाव आदि – और जानकारी होनी चाहिए कि कानूनी विकल्प कौन से हैं, किस प्लेटफार्म पर शिकायत कैसे करें। NGOs और ऑनलाइन सुरक्षा संगठनों द्वारा campaigns होनी चाहिए।

अंत में, प्लेटफार्मों और सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए; कानूनों को अद्यतन करना चाहिए ताकि AI-manufactured सामग्री भी शामिल हो सके, न कि सिर्फ वास्तविक तस्वीरों को। साथ ही डिजिटल प्लेटफार्मों को जवाबदेह बनाना चाहिए कि वे शिकायतों पर जल्दी कार्रवाई करें और प्रभावितों को संसाधन उपलब्ध कराएँ जैसे mental health support, शिकायत निवारण तंत्र आदि।

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