2025 में मेडिकल रिसर्च की दुनिया में एक बड़ी खबर ने सबका ध्यान खींचा है – “AI Predicts 1,000+ Future Diseases”। नई रिपोर्ट्स के अनुसार, एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल्स अब 1,000 से भी ज्यादा संभावित बीमारियों की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो गए हैं। यह टेक्नोलॉजी हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए एक गेमचेंजर मानी जा रही है क्योंकि इससे डॉक्टर और वैज्ञानिक समय से पहले बीमारी को पहचानकर उसके इलाज या रोकथाम की दिशा में काम कर सकते हैं।
A powerful new AI predicts how over 1,000 diseases may unfold across a person’s life, opening doors for precision prevention, policy planning, and bias-aware healthcare innovation. 🤖🧠📈 https://t.co/KQcwf2ydw1 #AI #Healthcare @Nature pic.twitter.com/dOqyO8rBeE
— News Medical (@NewsMedical) September 18, 2025
AI सिस्टम जीनोमिक डेटा, मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री, पर्यावरणीय फैक्टर्स और बड़े पैमाने पर उपलब्ध रिसर्च डेटा का इस्तेमाल करके यह अनुमान लगाता है कि आने वाले सालों में कौन सी नई बीमारियां विकसित हो सकती हैं या किन पुरानी बीमारियों का खतरा और बढ़ सकता है। इससे डॉक्टर न सिर्फ मरीजों को पहले से चेतावनी दे पाएंगे बल्कि सही समय पर इलाज शुरू करके उनकी जान भी बचा सकेंगे।
सबसे खास बात यह है कि AI टूल्स अब कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी जटिल बीमारियों की भी भविष्यवाणी कर रहे हैं। इससे प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को एक नई दिशा मिल रही है। पहले जहां बीमारी का पता चलने में देर हो जाती थी, वहीं अब AI की मदद से शुरुआती चरण में ही रिस्क की पहचान संभव है।
हालांकि इस टेक्नोलॉजी के साथ कई सवाल भी उठ रहे हैं। डेटा प्राइवेसी, मरीजों की सहमति और AI की प्रेडिक्शन की सटीकता जैसे मुद्दों पर बहस हो रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह टूल डॉक्टरों की जगह नहीं ले सकता, बल्कि उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा। इसके अलावा गलत प्रेडिक्शन से बचने के लिए लगातार ट्रेनिंग और अपग्रेडेशन की जरूरत होगी।
भारत जैसे देश में, जहां तेजी से बढ़ती आबादी और सीमित हेल्थकेयर संसाधनों की चुनौती है, यह AI तकनीक बहुत मददगार साबित हो सकती है। गांवों और छोटे शहरों तक प्रेडिक्टिव हेल्थकेयर पहुंचने से करोड़ों लोगों को फायदा मिल सकता है।
दुनियाभर के रिसर्च संस्थान और फार्मा कंपनियां अब AI आधारित हेल्थकेयर इनोवेशन में तेजी से निवेश कर रही हैं। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में यह तकनीक मेडिकल चेकअप का अहम हिस्सा बन जाएगी और लोग समय से पहले ही अपनी सेहत का ध्यान रख पाएंगे।
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