AI मॉडल जैसे Generative AI और डेटा-लॉन्ग-टर्म डेटा सेविंग (data retention) की ज़रूरत के कारण Hard Drives (HDDs) फिर से मुख्यधारा में आ रहे हैं क्योंकि वे SSDs की तुलना में प्रति TB कीमत (cost per terabyte) में बहुत सस्ते होते हैं। Seagate ने हाल ही में Exos M और IronWolf Pro सीरीज़ में 30TB HAMR-आधारित Hard Drives लॉन्च की हैं, ये ड्राइव्स बड़े डेटा सेंटरों और NAS सिस्टम्स के लिए डिज़ाइन की गई हैं जो बड़े पैमाने पर स्टोरेज की ज़रूरत रखते हैं।
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— Tech News Tube (@TechNewsTube) September 6, 2025
Seagate का अनुमान है कि 2030 तक HDD की क्षमता लगभग तीन गुना बढ़ेगी ताकि AI-से जुड़े बड़े-बड़े डेटा सेट्स, मॉडल वर्कफ़्लोज़ और बैकअप / आर्काइव कार्यों को संभाला जा सके। वर्तमान में उनका शीर्ष HDD मॉडल 36TB Exos M है, लेकिन 100-TB ड्राइव की राह पर भी काम चल रहा है।
एक रिपोर्ट से पता चलता है कि लगभग 61% व्यवसायों को उम्मीद है कि उनका क्लाउड-आधारित स्टोरेज अगले तीन सालों में 100% से ज़्यादा बढ़ेगा, और इस वृद्धि की बुनियाद HDDs की स्केलेबिलिटी और लागत-प्रभावशीलता (cost efficiency) पर ही टिकेगी।
HDDs की वापसी के पीछे की वजहें मुख्यतः ये हैं:
- बड़े डेटा वाले AI ट्रेंड जैसे कि training डेटा, लॉग्स, बैकअप / आर्काइव डेटा आदि जिन्हें तेज़ एक्सेस की ज़रूरत कम होती है।
- HAMR जैसी नई टेक्नॉलॉजीज़ ने हर प्लेटर (disk platter) पर डेटा पैकिंग बढ़ा दी है, जिससे प्रति यूनिट स्टोरेज की दर (areal density) सुधरी है।
- SSDs बहुत तेज़ हैं लेकिन महंगे हैं और बड़े-बड़े डेटा सुरक्षित रूप से रखने के लिए SSD पूरी तरह उपयुक्त नहीं होते – लागत ज़्यादा और बिजली/ठंडक की ज़रूरत भी बढ़ जाती है। HDDs यहाँ पर cost-benefit के हिसाब से बेहतर विकल्प बनते हैं।
हालाँकि, SSDs की अपनी जगह बनी हुई है – जहाँ latency कम होनी चाहिए, उदाहरण के लिए training, inference, hot-data applications – वहीं HDDs का उपयोग “cold data”, backups और आर्काइविंग के लिए ज़्यादा हो रहा है। टेक्स्ट / इमेज डेटा जो तुरंत नहीं बदलता, उसे HDD पर रखा जा रहा है।
भविष्य में HDD उद्योग कई सुधारों की ओर देख रहा है जैसे:
- नए इंटरफेस जैसे NVMe-HDDs जो traditional SATA/SAS से बेहतर throughput और latency दे सकें।
- drives की reliability, ऊर्जा खपत और ठंडक प्रबंधन (cooling) में सुधार, क्योंकि बड़े डेटा सेंटर्स में ये बड़े खर्च होते हैं।
- HAMR जैसे तकनीक़ों का और विकास, जिससे प्रति ड्राइव अधिक TB संभव हो सके।
अगर भारत की बात करें तो, जैसे क्लाउड सेवा प्रदाता, सरकारी डेटा सेंटर और AI/ML स्टार्टअप्स बढ़ रहे हैं, ऐसे में HDD-based storage समाधान लागत को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकते हैं। भारत में बिजली खर्च, आयात शुल्क और रख-रखाव लागत को देखते हुए, SSD पूरी तरह से नहीं बल्कि HDD-SSD हाइब्रिड आर्किटेक्चर ही व्यावहारिक विकल्प हो सकता है।