दुनिया के सबसे अमीर और दूरदर्शी व्यक्तियों में से एक, Bill Gates ने हाल ही में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में AI का सबसे बड़ा योगदान बच्चों की ज़िंदगियों को बचाने में होगा और यह तकनीक बाल मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Bill Gates का मानना है कि आज भी कई देशों में छोटे बच्चों की मौत उन बीमारियों से हो जाती है, जिनका इलाज या तो समय पर नहीं हो पाता या फिर सही सुविधाएँ नहीं मिल पातीं। ऐसे में AI का इस्तेमाल बीमारी की पहचान करने, इलाज सुझाने और डॉक्टरों को तेज़ी से सही निर्णय लेने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। इससे लाखों बच्चों की ज़िंदगी बचाई जा सकती है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AI सिर्फ विकसित देशों के लिए नहीं, बल्कि विकासशील देशों में भी स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलने का सामर्थ्य रखता है। खासकर भारत, अफ्रीका और एशिया के कई हिस्सों में जहां बच्चों की मृत्यु दर अब भी अधिक है, वहाँ AI स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता, तेज़ और असरदार बना सकता है।
गेट्स फ़ाउंडेशन पहले से ही दुनिया भर में बच्चों के स्वास्थ्य और टीकाकरण कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। अब इसमें AI की ताक़त जुड़ने से यह अभियान और मज़बूत हो सकता है। Bill Gates ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि सही तरीके से AI टूल्स का उपयोग किया गया, तो हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां जन्म लेने वाले हर बच्चे को जीने का समान अवसर मिले।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे AI आधारित एप्लिकेशन और टूल्स बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं। जैसे अगर किसी बच्चे को न्यूमोनिया, मलेरिया या कुपोषण जैसी समस्या है, तो AI तुरंत शुरुआती लक्षण पहचानकर डॉक्टरों को सतर्क कर सकता है। इससे इलाज में देरी नहीं होगी और बच्चे की जान बचाई जा सकेगी।
Bill Gates के अनुसार, AI का असली मूल्य तभी है जब यह मानवता की भलाई में इस्तेमाल हो। उनका कहना है कि लोग अक्सर AI को नौकरी छिनने या खतरनाक टेक्नोलॉजी की तरह देखते हैं, लेकिन यदि इसे सही दिशा में लगाया जाए तो यह लाखों मासूम ज़िंदगियों को बचाने में मदद करेगा।
आज के समय में जब टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र को बदल रही है, तब स्वास्थ्य क्षेत्र में AI का उपयोग भविष्य की सबसे बड़ी क्रांति माना जा रहा है। Bill Gates का यह बयान हमें याद दिलाता है कि तकनीक सिर्फ आराम और सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत की सेवा के लिए भी है। आने वाले सालों में AI आधारित हेल्थकेयर मॉडल बाल मृत्यु दर को ऐतिहासिक रूप से कम करने में एक मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
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