Sentient नाम की AI कंपनी ने “The GRID” लॉन्च कर के AGI यानी Artificial General Intelligence इनफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। इसका मकसद है AGI को सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित न रहने देना, बल्कि एक खुली, साझा और विकेंद्रीकृत (decentralized) संरचना बनाना जहाँ अलग-अलग एजेंट्स, मॉडल्स, डेटा सोर्सेज़ और टूल्स मिलकर काम करें।
“The GRID” नेटवर्क में अभी 40 से ज़्यादा AI एजेंट्स, 50+ डेटा स्रोत, और 10+ मॉडल शामिल हैं जो real-time collaboration करते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई उपयोगकर्ता किसी जटिल विचार या प्रॉम्प्ट भेजता है, तो वह प्रॉम्प्ट सबसे उपयुक्त एजेंट्स को भेजा जाएगा, फिर उनके आउटपुट्स को मिला कर एक बेहतर, सटीक उत्तर बनाया जाएगा।
Sentient का कहना है कि इस तरह की AGI infrastructure की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि एक मोनोलिथिक (single large) मॉडल AGI के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता — विविध एजेंट्स, domain-specific knowledge, एवं कई डेटा सोर्सेज़ मिल कर बेहतर AGI परिणाम दे सकते हैं। इससे scalability बढ़ेगी, innovation ज़्यादा होगा और रिस्क भी कम होंगे, क्योंकि कोई एक एजेंट पूरी प्रणाली को नियंत्रित नहीं करेगा।
🚀 Sentient AGI — an open decentralized project aimed at creating artificial general intelligence (AGI) with the network
— valerievna (@valerievna75) September 12, 2025
The GRID, focused on putting AI in the hands of the community!
💰 $85M in investments, a valuation of $1.2B, supported by Peter Thiel
🌐 Nearly 700K users… pic.twitter.com/dVwrcUOdlh
चुनौतियाँ बड़ी हैं: इनमें शामिल हैं
- एजेंट्स और मॉडल्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी यानी कैसे ये अलग-अलग घटक एक साथ काम करें, डेटा सोर्सेज़ की विश्वसनीयता, latency, सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताएँ,
- open-source मॉडल्स के लिए फ़ंडिंग और पर्यावरणीय लागत (compute, ऊर्जा खर्च) को नियंत्रित रखना,
- misuse या अनैतिक प्रयोगों से रक्षा करना क्योंकि खुला नेटवर्क होने से हर कोई हिस्सा ले सकता है।
भारतीय संदर्भ में देखें तो Sentient का यह मॉडल खास मायने रखता है क्योंकि भारत में vernacular डेटा, भाषा-विशेष मॉडल्स, और स्थानीय उपयोगकर्ता ज़रूरतें बहुत विविध हैं। अगर Sentient या इस तरह के open AGI नेटवर्क भारत में भागीदार बनें, तो भारतीय AI डेवलपर्स को वैश्विक मंच पर योगदान करने का मौका मिलेगा और उपयोगकर्ता अनुभव उनकी अपनी भाषा और संस्कृति के अनुरूप बनेगा।
कुल मिलाकर, Sentient का AGI infrastructure मॉडल यह संकेत है कि भविष्य की AGI केवल शक्ति और क्षमता की नहीं, बल्कि साझा, विविध और उपयोगकर्ता-केन्द्रित होगी। यदि यह नेटवर्क सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ बना रहा तो AGI की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
Our newest piece of the GRID just got an upgrade 😁
— Sentient (@SentientAGI) September 16, 2025
GRID is the world’s largest network of intelligence, containing agents, models, data sources, frameworks, and Sentient Chat—the infrastructure that stitches it all together. pic.twitter.com/YCMWVRUiBW
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