Sam Altman बोले: कुछ नौकरियाँ खत्म होंगी, लेकिन “नई और बेहतर नौकरियाँ” भी आएँगी AI के युग में

OpenAI के CEO Sam Altman की हाल की टिप्पणियों से साफ हुआ है कि AI सिर्फ इंसानों का सहायक नहीं रहेगा बल्कि कामकाज का तरीका ही बदलने वाला है – कुछ नौकरियाँ खत्म होंगी, कुछ नई बनेगीँ।

Altman का कहना है कि customer support roles जैसे दोहराए जाने वाले (repetitive), फोन्स/कंप्यूटर पर आधारित संवाद वाले कार्य सबसे पहले प्रभावित होंगे, क्योंकि AI इन्हें तेज़ और सटीक तरीके से कर सकता है।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि जो नौकरियाँ बहुत मानवीय संपर्क, संवेदनशीलता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता (emotional intelligence) मांगती हैं – जैसे नर्सिंग, देखभाल (care giving), शिक्षा, कला – वे AI द्वारा आसानी से नहीं बदली जाएँगी।

AI एजेंटों के ज़रिए कुछ कार्य स्वचालित (automated) हो जाएंगे – Altman ने 2025 के लिए यह संभावना जताई है कि हम देखेंगे कि AI एजेंट नौकरी-बल में एक “सहायक कार्यकर्ता (junior employee)” की तरह शामिल होंगे, कुछ करने की ज़िम्मेदारियाँ संभालेंगे, लेकिन पूरी तरह से इंसानी निर्णय लेने या दिशानिर्देश तय करने का काम अभी नहीं ले पाएँगे।

इसके साथ ही, Altman यह भी कहते हैं कि जहां कुछ नौकरियाँ चली जाएँगीँ, वहां नई नौकरियाँ बनेंगीँ – वो नौकरियाँ जो आज हमें कल्पना भी मुश्किल है। उदाहरण के लिए, AI को विकसित, निगरानी, ethics, regulation, सामग्री लागत, model safety, infrastructure आदि क्षेत्रों में काम का दायरा बढ़ेगा।

भारत / भारतीय परिप्रेक्ष्य के लिए ध्यान देने योग्य बातें:

  • भारत में customer service, कॉल सेंटर्स, back-office ऑपरेशन्स जैसे क्षेत्र बहुत बड़े हैं — ये क्षेत्रों को AI के प्रभाव से पहले-पहले सामना करना पड़ सकता है।
  • लेकिन भारत में संवेदनशील सामाजिक संपर्क और सांस्कृतिक भाषा कौशल (vernacular language skills) की मांग है — यह उन नौकरियों को सुरक्षित कर सकती है जहाँ भाषा, व्यवहार और मानवीय समझ ज़्यादा ज़रूरी हो।
  • स्किल डेवलपमेंट, IT शिक्षा, AI तथा मशीन लर्निंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भूमिका बहुत बड़ी होगी ताकि लोग AI-समृद्ध भविष्य के लिए तैयार हों।

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