Meta का Hyperscape: Quest 3 पर आया फोटोरीयलिस्टिक VR अनुभव

Meta ने अपने नए Hyperscape टेक्नोलॉजी का डेमो पेश किया है, जो VR दुनिया में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस तकनीक की मदद से यूज़र्स अब Quest 3 हेडसेट का इस्तेमाल करके रियल-वर्ल्ड सीन को कैप्चर कर सकते हैं और उन्हें फोटोरीयलिस्टिक 3D रिकंस्ट्रक्शन में दोबारा अनुभव कर सकते हैं। Hyperscape में Gaussian splatting techniques का उपयोग किया गया है, जिससे कैप्चर किए गए एनवायरनमेंट को बेहद रियलिस्टिक तरीके से फिर से बनाया जा सकता है।

वीडियो डेमो से यह साफ दिखता है कि Hyperscape न केवल एक विजुअल अपग्रेड है बल्कि VR में इमर्सन का नया स्तर पेश करता है। यह तकनीक यूज़र्स को वही जगह वर्चुअली “रीविजिट” करने की सुविधा देती है जहाँ वे पहले मौजूद थे। यह फीचर आने वाले समय में रियल एस्टेट, एजुकेशन और एंटरटेनमेंट जैसे सेक्टर्स को पूरी तरह बदल सकता है।

Meta ने इसे अपने Project Avalanche का हिस्सा बताया है, जहाँ Hyperscape के जरिए प्रोसेसिंग और रेंडरिंग Meta के क्लाउड सर्वर्स पर होती है। इसका फायदा यह है कि हाई-क्वालिटी ग्राफिक्स के लिए यूज़र के डिवाइस पर भारी प्रोसेसिंग की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह क्लाउड-बेस्ड VR का एक मजबूत उदाहरण है, जो टेक्नोलॉजी को और ज्यादा स्केलेबल और एक्सेसिबल बनाता है।

यह डेवलपमेंट ऐसे समय में हुआ है जब मार्केट में Meta Quest 3 और Apple Vision Pro जैसी डिवाइसें लगातार Mixed Reality के अनुभव को नया आकार दे रही हैं। Hyperscape जैसी तकनीकें आने वाले समय में हमें वर्चुअल टूरिज्म, म्यूज़ियम विज़िट्स, रियल एस्टेट शोइंग्स और यहां तक कि हिस्टोरिकल साइट्स के डिजिटली प्रिजर्वेशन का भी मौका देंगी।

VR और AR की दुनिया जिस तेजी से आगे बढ़ रही है, Hyperscape इस बात का संकेत है कि निकट भविष्य में वर्चुअल विज़िट्स फिजिकल लोकेशन्स का आम हिस्सा बन सकती हैं। यह न केवल प्रोफेशनल सेक्टर बल्कि आम यूज़र्स के लिए भी VR को और प्रैक्टिकल और यूज़ेबल बना देगा।

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