भारत में हेल्थकेयर सेक्टर में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, और इसमें ISRO की नई टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ISRO अब सिर्फ अंतरिक्ष मिशन तक सीमित नहीं रह गई है; उसने Nanotechnology, Artificial Intelligence (AI) और Robotics को हेल्थकेयर में लागू करने की पहल की है। इन तकनीकों से इलाज, डायग्नोसिस और मेडिकल रिसर्च के तरीके पूरी तरह बदल रहे हैं।
ISRO के Nanotechnology प्रोजेक्ट्स से छोटे‑से‑छोटे उपकरण तैयार किए जा रहे हैं, जो शरीर के भीतर सटीक तरीके से दवा पहुंचाने में सक्षम हैं। ये nanobots या nano-devices कैंसर जैसी बीमारियों के लिए targeted treatment में मदद कर सकते हैं। इससे दवाओं के साइड‑इफेक्ट कम होंगे और इलाज तेज होगा।
इसके साथ ही, AI‑powered सिस्टम मरीजों के डेटा का विश्लेषण करके बीमारी की पहचान और उपचार की सटीक योजना तैयार कर रहे हैं। AI मॉडल एक्स-रे, MRI और CT स्कैन इमेज को सेकंडों में एनालाइज कर सकते हैं, जिससे डॉक्टरों की मदद होती है और गलती की संभावना भी कम होती है।
Robotics का उपयोग सर्जरी और मेडिकल प्रोसेस में भी तेजी ला रहा है। ISRO द्वारा विकसित रोबोटिक सिस्टम्स छोटे और जटिल ऑपरेशन को बहुत सटीक तरीके से कर सकते हैं। इससे मरीज की रिकवरी जल्दी होती है और सर्जरी में जोखिम कम होता है।
ISRO की ये तकनीकें न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी हेल्थकेयर पहुंचाने में मदद कर सकती हैं। AI और Robotics से लैस मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दूर‑दराज़ इलाकों में हेल्थ स्क्रीनिंग और प्राथमिक इलाज प्रदान कर सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ISRO की इन पहलियों से भारत में हेल्थकेयर और स्पेस टेक्नोलॉजी के बीच नई क्रॉस‑फील्ड इनोवेशन की शुरुआत हो रही है। आने वाले समय में ये तकनीकें मरीजों को सस्ता, तेज और सटीक इलाज प्रदान करने में मदद करेंगी और मेडिकल रिसर्च की गति भी बढ़ाएँगी।
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— Gadget2 (@OfficialGadget2) September 21, 2025
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