भारत में 77% Knowledge Workers रोज़ाना इस्तेमाल कर रहे Generative AI: रिपोर्ट

भारत में अब GenAI व्यावसायिक जीवन का हिस्सा बन चुका है – Atlassian द्वारा कराए गए एक नवीन सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग 77 प्रतिशत knowledge workers (प्रोफेशनल्स) रोज़ाना या लगभग रोज़ाना Generative AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह संख्या पिछले साल की तुलना में काफी ज़्यादा है, जब उपयोगिता लगभग आधी-सी थी।

रिपोर्ट बताती है कि ये professionals AI टूल्स का इस्तेमाल सिर्फ सामान्य कामों के लिए नहीं कर रहे, बल्कि काम की गुणवत्ता, प्रस्तुति (presentation), रिपोर्ट लिखने, डेटा विश्लेषण और समय बचाने जैसे कई उपयोगी कार्यों में GenAI को शामिल कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, India में एक औसत कामकाजी व्यक्ति AI की मदद से हर दिन लगभग 1.3 घंटे की बचत कर पा रहा है, जबकि विश्वमानक औसत इस तरह का समय लगभग एक घंटा है।

यह बदलाव सिर्फ टेक या IT सेक्टर तक सीमित नहीं है। वित्त (finance), बीमा (insurance), स्वास्थ्य (healthcare), शिक्षा (education) और निर्माण (manufacturing) जैसे कई क्षेत्रों में GenAI टूल्स शामिल किए जा रहे हैं। बड़े संगठन भी AI-समर्थ कार्यप्रणाली (AI-enabled workflows) अपनाने लगे हैं, ताकि टीमों के बीच सहयोग (collaboration) बढ़े और कार्यभार (workload) संतुलित हो।

इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि भारतीय प्रबंधकों (managers) एवं विभिन्न स्तरों पर जरुरी रूप से यह नहीं जानते कि उनकी टीमों द्वारा AI का कितना और कैसे इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि जिन टीमों में प्रबंधक AI टूल्स का खुद उपयोग कर रहे हैं, वे संगठन के अंदर AI को अधिक रणनीतिक स्तर पर लागू कर पा रही हैं।

जहाँ बड़े फायदे हैं, वहाँ कुछ चुनौतियाँ भी देखी गई हैं। कुछ पेशेवरों ने चिंता जताई है कि अगर AI की गुणवत्ता खराब हो, या परिणाम गलत आएँ, तो भरोसा टूटने का खतरा है। डेटा की गोपनीयता (data privacy), सुरक्षा (security) और AI द्वारा उत्पन्न गलत सूचना (hallucination) जैसी समस्याएँ अभी भी बनी हुई हैं। साथ ही, कर्मचारियों को AI कौशलों (skills) में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है – बढ़ती मांग है सीखने और प्रशिक्षण (training) की।

कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत AI-उपयोग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 77% का आंकड़ा यह दिखाता है कि GenAI अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि रोज़मर्रा के कामों में एक उपयोगी टूल बन चुका है। यदि संगठन और कर्मचारियाँ मिलकर इस नवाचार को समझें और सही दिशा में लागू करें, तो AI से प्राप्त उत्पादकता (productivity) लाभ बड़े पैमाने पर हो सकते हैं।

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