तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने दर्शन प्रक्रिया और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है: अब मंदिर परिसर में भीड़-नियंत्रण (crowd management) AI-तकनीक से किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत मंदिर के Vaikuntam-1 Complex में AI-इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) स्थापित किया गया है, जिसका खर्च लगभग ₹30 करोड़ है और इसका उद्घाटन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू 25 सितंबर 2025 को करेंगे।
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इस ICCC का मुख्य उद्देश्य है तीर्थयात्रियों की संख्या, कतारों की लंबाई और इंतज़ार का समय रियल-टाइम में मॉनिटर करना। मंदिर परिसर और मुख्य मार्ग अलिपिरी से शुरू होकर हर जगह CCTV कैमरों की मदद से लाइव वीडियो फीड देय जाएगी। इसे 25 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ मॉनिटर करेंगे ताकि भीड़ बढ़ने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
AI सिस्टम कतारों में दर्शन के समय का अनुमान लगाता है और भीड़ और कंट्रोल ज़ोन को 3D मैप्स की मदद से रेड जोन के रूप में चिह्नित करेगा जहाँ भीड़ अधिक हो। इससे TTD अधिकारियों को निर्णय लेने में मदद मिलेगी – जैसे कि दर्शन-क्षेत्र का मार्ग बदला जाए या दर्शन स्लॉट्स में समायोजन किया जाए।
साथ ही, चेहरे पहचान (facial recognition) तकनीक भी शामिल है। इससे दर्शन के लिए दिए जाने वाले टाइम- स्लॉट टोकन के ज़रिए व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित होगी, नकली बुकिंग रोकी जाएगी, और कहीं कोई सुरक्षा समस्या हो तो तुरंत पहचाना जा सके।
यह पहल विशेष रूप से Srivari Brahmotsavam त्योहार के दौरान बहुत उपयोगी होगी क्योंकि इस समय तीर्थयात्रियों की संख्या चरम पर होती है। ICCC की मदद से मंदिर प्रशासन रोज़ाना की तीव्रता (peak hours) पहले से अनुमान लगा सकेगा और तदनुसार सुरक्षा, प्रवाह नियंत्रण और संसाधन प्रबंध जैसे इंतज़ार नियंत्रण, मार्ग संकेत आदि को बेहतर तरीके से तैयार करेगा।
प्रदर्शन और सुरक्षा के अलावा, इस AI सॉल्यूशन के ज़रिए मंदिर में चोरी-छिपे गतिविधियों की निगरानी, लापता व्यक्तियों का पता लगाना, और आपातकालीन परिस्थिति में सुरक्षित निकास मार्ग सुझाना संभव होगा।
हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन्हें ध्यान रखना ज़रूरी है: चेहरे पहचान और CCTV निगरानी से प्राइवेसी की चिंताएँ हो सकती हैं; डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा कैसे होगी, यह स्पष्ट होना चाहिए; और तकनीकी समस्या, नेटवर्क डाउन-टाइम आदि से सिस्टम प्रभावित हो सकता है।
कुल मिलाकर, Tirupati में यह AI-आधारित crowd management प्रणाली दर्शन प्रक्रिया को सुधारेगी, तीर्थयात्रियों का समय बचाएगी और सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करेगी। यह कदम मंदिर प्रबंधन में पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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