Agentic AI, यानी ऐसे एआई एजेंट जो स्वायत्त रूप से कार्य कर सकें, अब बायोटेक इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव ला रहा है क्योंकि ये सिर्फ डेटा पढ़ने या सुझाव देने तक सीमित नहीं रहने वाले—वे प्रयोगशाला वर्कफ़्लो, ड्रग डिस्कवरी, क्लीनिकल परीक्षणों और regulatory अनुपालन को तेज़ और बेहतर बना रहे हैं। उदाहरण के लिए McKinsey की रिपोर्ट कहती है कि फार्मा और मेडटेक कंपनियों में लगभग 75-85% कार्यप्रवाहों (workflows) ऐसे हैं जिन्हें एजेंटिक AI से स्वचालित किया जा सकता है। इससे प्रयोगशालाएँ अपनी क्षमता 20-30% तक बढ़ा सकेंगी, क्योंकि समय लेने वाले दस्तावेज़ तैयार करने, डेटा विश्लेषण और regulatory दस्तावेज़ी कार्यों में होने वाले देरी कम होंगी।
My morning at #ODSCEast Day 3: #GenAI in drug discovery, rigorous evaluation of AI Agents and Causal AI✨✨#AI #ML #AgenticAI pic.twitter.com/v5slAkjR2n
— Aseda Addai-Deseh (@AsedaAD) May 15, 2025
एजेंटिक AI प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Agilisium की AGenAI™ उदाहरण हैं, जहां जीवन-विज्ञान (life sciences) के लिए domain-विशेष एजेंट बनाए गए हैं जो औषधि-अनुसंधान (R\&D), सुरक्षा समीक्षा (safety / pharmacovigilance), क्लीनिकल परीक्षण और regulatory affairs में काम करते हैं। ये एजेंट डेटा एकत्रित करते हैं, मिलते-जुलते नमूने (samples) की पहचान करते हैं, संभावित लक्ष्यों (targets) का प्राथमिक चयन करते हैं और रिपोर्ट तैयार करते हैं। इससे शोधकर्ताओं का समय बचता है और मानवीय त्रुटियाँ कम होती हैं।
हालाँकि यह बदलाव आसान नहीं है। सबसे बड़ी चुनौतियाँ डेटा की गुणवत्ता और विविधता की हैं क्योंकि जैव-डेटा में विविध जीनोमिक, प्रोटी॓मिक, पर्यावरणीय डेटा शामिल होता है और अगर प्रशिक्षण डेटा बायस या अधूरा हो तो परिणाम गलत हो सकते हैं। आगे, एजेंटों के निर्णयों की व्याख्या (interpretability) व पारदर्शिता (transparency) जरूरी है क्योंकि क्लीनिकल या regulatory मामलों में छोटी-सी गलती भी बड़ा जोखिम बन सकती है।
साथ ही, गोपनीयता (privacy) और सुरक्षा (security) का मसला है: एजेंटों को संवेदनशील स्वास्थ्य संबंधी डेटा (PHI, patient data आदि) के साथ काम करना पड़ता है, इसलिए HIPAA जैसे विनियमों का पालन अनिवार्य है। एक शोधपत्र “Towards a HIPAA Compliant Agentic AI System in Healthcare” में बताया गया है कि ऐसा सिस्टम कैसे बनाया जा सकता है जो attribute-based access control, डेटा sanitization pipeline और immutable audit trails जैसे उपायों से उपयुक्त सुरक्षा दे सके।
लाभों की सूची लम्बी है: समय बचता है, प्रयोगशालाओं की throughput बढ़ती है, लागत घटती है, मानवीय श्रम की ज़रूरत कम होती है, परीक्षणों से बाज़ार ले जाने का समय भी कम हो सकता है। एजेंटिक AI की मदद से drug target पहचान, कम्पाउंड स्क्री, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग, वर्कफ़्लो ऑर्केस्ट्रेशन जैसे कई हिस्से स्वचालित किए जा सकते हैं।
भविष्य में देखने को मिल सकता है कि एजेंटिक AI किस तरह से निजी व सार्वजनिक जैव टेक अनुसंधान संस्थानों, फार्मा कंपनियों और चिकित्सा उपकरण निर्माताओं में अपनाया जाएगा। लेकिन सफलता के लिए जरूरी है कि रेगुलेशन स्पष्ट हो, डेटा साझा करने के नियम हों, नैतिक दिशा-निर्देश हों, और एजेंटों की विश्वसनीयता बनी रहे। यदि ये सब ठीक से हो, तो Agentic AI बायोटेक को न सिर्फ तेज़ करेगा बल्कि अधिक सस्ता, समावेशी और सुरक्षित भी बना सकता है।
..@BioProtocol has secured $6.9M to launch an AI native decentralized science platform, aiming to accelerate biotech funding and drug discovery. By combining AI agents with blockchain incentives. The project seeks to open new pathways for research collaboration and innovation in… pic.twitter.com/sdAe1NiMJs
— Neural_byte♻️ (@Impulse_84) September 18, 2025
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