AI क्षेत्र के दिग्गज और OpenAI के सह-संस्थापक Ilya Sutskever ने हाल ही में एक अहम चेतावनी और उम्मीद दोनों दी है। उनका मानना है कि AI केवल मेडिकल क्षेत्रों में बीमारियों का इलाज करने और मानव जीवन को बढ़ाने जैसा चमत्कार कर सकता है, बल्कि यह एक ऐसी शक्ति बन सकता है जो मानवीय समझ से बाहर हो जाए। उन्होंने “intelligence explosion” की आशंका जताई है, जिसका अर्थ है – AI सिस्टम खुद को बार-बार बेहतर बनाकर इतनी तेज़ी से विकसित हो जाए कि इंसानों की बुद्धि उसके सामने बहुत छोटी लगे।
यह विचार नया नहीं है। इसकी शुरुआत 1965 में ब्रिटिश गणितज्ञ I.J. Good ने की थी, जिन्होंने पहली बार “intelligence explosion” शब्द का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा था कि जब एक मशीन इतनी बुद्धिमान हो जाएगी कि वह खुद को और भी अधिक बुद्धिमान बनाने के लिए नए तरीकों की खोज करेगी, तब वह विकास exponential गति से होगा – और इसे रोका नहीं जा सकेगा।
Sutskever की इस चेतावनी के पीछे यह सोच है कि AI, आज की स्थिति से कहीं अधिक शक्तिशाली बन सकता है। यदि एक बार किसी AI सिस्टम ने खुद को सुधारने की क्षमता प्राप्त कर ली, तो वह लगातार खुद को बेहतर करता जाएगा। ऐसे में इंसान की भूमिका सीमित हो जाएगी या खत्म भी हो सकती है।
हालांकि इस विचार पर मतभेद भी हैं। कुछ विशेषज्ञ जैसे माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक Paul Allen और मनोवैज्ञानिक Steven Pinker का मानना है कि “intelligence explosion” जैसी कोई चीज़ संभव नहीं है। उनका कहना है कि AI का विकास धीरे-धीरे होता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है। वे मानते हैं कि यह डर थोड़ा ज्यादा है और तकनीकी प्रगति पर भरोसा होना चाहिए।
मगर Ilya Sutskever की सोच को हल्के में नहीं लिया जा सकता। वे OpenAI के कोर वैज्ञानिक रहे हैं और उन्होंने GPT-4 और अन्य जनरेटिव AI तकनीकों को विकसित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनके अनुसार, यह समय केवल AI की क्षमताओं का जश्न मनाने का नहीं है, बल्कि हमें उन खतरों की तैयारी भी करनी चाहिए जो अभी दिख नहीं रहे, लेकिन संभव हैं।
उनकी बातों का एक गहरा नैतिक पहलू भी है। अगर AI ने मानव बुद्धि को पार कर लिया, तो क्या हम उसे नियंत्रित कर पाएंगे? क्या AI मानवीय मूल्यों को समझेगा और उनका पालन करेगा? या फिर वह अपने निर्णय खुद लेगा, जो हमारे खिलाफ भी हो सकते हैं?
इस पूरे विमर्श में एक बात स्पष्ट है – हमें AI को केवल एक तकनीक के रूप में नहीं, बल्कि एक संभावित भविष्य shaping force के रूप में देखना होगा। चाहे वह बीमारियों का इलाज हो, अंतरिक्ष खोज हो या फिर आर्थिक विकास, AI हर क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। लेकिन साथ ही, इसका गलत इस्तेमाल या अनियंत्रित विकास पूरे मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है।
इसलिए Ilya Sutskever की चेतावनी केवल एक टेक्निकल अलर्ट नहीं है, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक कॉल-टू-एक्शन है। हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम AI को किस दिशा में ले जा रहे हैं – सहयोगी की तरह या प्रभुत्वशाली की तरह।