दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगातार नई-नई क्रांति ला रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें Keanu Reeves जैसे सुपरस्टार को एक टॉयलेट पेपर (Charmin Ultra Strong) के विज्ञापन में दिखाया गया। खास बात यह है कि इस वीडियो की शूटिंग कभी हुई ही नहीं। इसे बनाया गया है Higgsfield नामक कंपनी के AI टूल “Product-to-Video” की मदद से।
यह टूल किसी भी साधारण प्रोडक्ट की इमेज को लेकर उसे एक हाई-क्वालिटी सिनेमैटिक विज्ञापन में बदल सकता है। इसका मतलब है कि अब बिना कैमरा, बिना प्रोडक्शन टीम और बिना लाखों रुपये खर्च किए, कोई भी कंपनी मिनटों में प्रोफेशनल एड बना सकती है।
This kills every real commercial
— MayorkingAI (@MayorKingAI) August 16, 2025
Why would you spend anything?
Higgsfield Product-to-Video creates stunning, cinematic commercials for free with a simple drag-and-drop
here is how it works: pic.twitter.com/7es2c4FMUy
कैसे काम करता है Higgsfield का AI टूल?
Higgsfield का “Product-to-Video” टूल Generative AI पर आधारित है। इसमें ब्रांड सिर्फ एक प्रोडक्ट की फोटो अपलोड करता है और AI उस फोटो को लेकर एक विज्ञापन वीडियो तैयार कर देता है। इसमें प्रोडक्ट की हाइलाइट्स, आकर्षक बैकग्राउंड, और यहां तक कि किसी सेलिब्रिटी का डिजिटल वर्ज़न भी जोड़ा जा सकता है।
Keanu Reeves वाला वीडियो इसी तकनीक का उदाहरण है। इसमें AI ने उनकी डिजिटल झलक तैयार की और उसे विज्ञापन में फिट कर दिया।
एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव
पारंपरिक विज्ञापन बनाने में लाखों-करोड़ों का खर्च, बड़ी टीम और हफ्तों का समय लगता है। लेकिन AI टूल्स इस प्रक्रिया को मिनटों में पूरा कर सकते हैं।
- Meta पहले ही AI-generated ads लॉन्च कर चुका है।
- Nike ने Serena Williams के साथ AI कैम्पेन चलाया था।
- अब Higgsfield जैसे टूल्स छोटे-बड़े ब्रांड्स के लिए एड बनाना बेहद आसान बना रहे हैं।
इससे एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री पूरी तरह बदल सकती है, क्योंकि अब छोटे बिजनेस भी प्रोफेशनल एड्स बना पाएंगे।
चुनौतियां और सवाल
लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी उठ रहे हैं:
- क्या किसी सेलिब्रिटी की इजाज़त के बिना उनकी डिजिटल इमेज का इस्तेमाल सही है?
- क्या यह असली क्रिएटिव इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के लिए खतरा है?
- क्या भविष्य में असली एक्टर्स की जगह सिर्फ AI वर्ज़न इस्तेमाल किए जाएंगे?
निष्कर्ष
AI अब सिर्फ बैकग्राउंड टूल नहीं रहा, बल्कि क्रिएटिव इंडस्ट्री का मुख्य हिस्सा बन चुका है। Higgsfield का “Product-to-Video” इसका शानदार उदाहरण है। आने वाले समय में हम और भी ऐसे एड्स देखेंगे, जहां बिना असली शूटिंग के, सिर्फ AI की मदद से पूरे कैम्पेन तैयार होंगे।