आजकल डिजिटल दुनिया एक नए युग में है जहाँ AI जनित शॉर्ट वीडियो (AI-generated short videos) तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं। आप चाहे YouTube Shorts, Instagram Reels, या TikTok देखें, हर जगह छोटी-छोटी क्लिप्स बनी हुई हैं टेक्स्ट कमांड या मनचाहे इमेज प्रोम्प्ट से। ये ट्रेंड क्यों है, इसका असर क्या है, और कैसे शुरुआत हो सकती है – पूरी जानकारी नीचे।
सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि YouTube ने हाल ही में Veo 3 नामक AI वीडियो जनरेटर को अपने Shorts प्लेटफ़ॉर्म में शामिल किया है। इस फीचर की मदद से कोई भी टेक्स्ट प्रॉम्प्ट दे कर 8-सेकंड का वीडियो बना सकता है, जिसमें एनिमेशन, साउंड इफेक्ट, सफ़र-भी शॉर्ट फिल्म जैसा लुक हो सकता है। इसमें वीडियो पर पहचान हेतु “AI-जनित” लेबल भी लगाया जाता है, ताकि दर्शकों को पता हो कि वीडियो बनावट मशीन ने की है।
यह ट्रेंड व्यापार, मार्केटिंग, और क्रिएटर कम्युनिटी दोनों के लिए नए अवसर ला रहा है। ज़ेब्रा-कैट की रिपोर्ट के अनुसार, छोटी और मझौली कंपनियाँ AI वीडियो टूल्स अपना रही हैं, और ऐसे वीडियो दर्शकों के साथ बेहतर इंगेजमेंट लाते हैं। अनुमान है कि AI-जनित वीडियो बनाने से वीडियो प्रोडक्शन खर्च लगभग 60% तक कम हो सकता है।
लेकिन सिर्फ़ फायदे ही नहीं हैं; कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। गुणवत्ता में अंतर, ऑडियन्स का विश्वास टूटना, और प्लेटफ़ॉर्म्स में ऐसे कंटेंट के लिए मॉडरेशन की ज़रूरत बढ़ जाना — ये सब मुद्दे हैं। उदाहरण के लिए, “AI slop” जैसे शब्दों से यह बताया जा रहा है कि कुछ क्रिएटर सिर्फ़ तेजी से वीडियो बना कर संख्या बढ़ाने में लगे हैं, गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते।
शिक्षा के क्षेत्र में भी यह ट्रेंड असर दिखा रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि LLMs (Large Language Models) की मदद से लंबी लेक्चर्स से छोटे-शॉर्ट वीडियो (reels) तैयार करने से छात्रों की सहभागिता, याददाश्त और परीक्षा प्रदर्शन बेहतर हो रहा है, बशर्ते वीडियो सूचनात्मक हों और सीखने वालों को समझ आएँ।
तो यदि आप क्रिएटर हैं या व्यवसाय चलाते हैं, तो इस ट्रेंड को अपनाना फायदेमंद हो सकता है। नई टेक्नोलॉजी से शुरुआत सस्ता और आसान हो गई है — आप लगभग ₹0 खर्चे में मुफ्त टूल्स या ट्रायल प्लान से छोटे वीडियो बना कर देख सकते हैं — फिर बढ़िया टूल्स या सब्सक्रिप्शन लेने का सोच सकते हैं।
निष्कर्ष यह कि AI-जनित शॉर्ट वीडियो ट्रेंड सिर्फ़ फैशन नहीं है, बल्कि कंटेंट क्रिएशन की दिशा बदल रहा है। वो क्रिएटर जो समय रहते सीखेंगे, गुणवत्ता बनाए रखेंगे, और ऑडियन्स के भरोसे को नजरअंदाज़ नहीं करेंगे — वो इस ट्रेंड का असली लाभ उठा पाएँगे।organic बढ़ावा चाहिए हो या नई पहचान, AI-शॉर्ट वीडियो आपके लिए एक सुनहरा मौका है।