Albania ने बनाया Diella, दुनिया की पहली AI मंत्री: सार्वजनिक ठेकों में पारदर्शिता का बड़ा कदम

अल्बेनिया सरकार ने प्रधानमंत्री ईदी रामा (Edi Rama) की अगुवाई में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है जिसमें एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम Diella को “Minister for Public Procurement” के रूप में नियुक्त किया गया है, यानी सार्वजनिक ठेकों (government tenders) की निगरानी और निर्णय प्रक्रिया में AI को केंद्र में लाया गया है। यह नाम Diella रखा गया है, जिसका अर्थ है “सूरज” (Sun)।

Diella की शुरुआत जनवरी 2025 में e-Albania प्लेटफार्म पर एक वर्चुअल असिस्टेंट के रूप में हुई थी, जहाँ यह नागरिकों को दस्तावेज़ों को ऑनलाइन प्रक्रिया करने, विभिन्न सरकारी सेवाएँ प्राप्त करने, और सामान्य सरकारी कार्यों में सहायता करने में मदद कर रही थी। अब इसे एक बड़ा दायित्व सौंपा गया है ताकि सार्वजनिक ठेकों की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त हो सके।

सरकार का दावा है कि Diella “physical रूप से मौजूद नहीं होगी” बल्कि एक AI वर्चुअल अस्तित्व है, परंतु इसकी भूमिका ठेकों (procurements) का मूल्यांकन और निर्णय लेने में शामिल होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जिम्मेदारी चरण-बद्ध तरीके से मानवीय प्रभाव (human bias/ favouritism) को कम करने की कोशिश करेगी।

Diella ने अब तक लगभग 36,600 से ज़्यादा डिजिटल दस्तावेज़ संसाधित किये हैं और लगभग 1,000 सरकारी सेवाएँ प्रदान की हैं — यह आंकड़े बतातें हैं कि जनता के बीच इसकी पहुँच और उपयोगिता बढ़ रही है।

लेकिन इस कदम के साथ कुछ प्रश्न और चुनौतियाँ भी उठीं हैं। जैसे कि Diella की निर्णय प्रक्रिया में मानव निगरानी कैसे होगी (human oversight), AI सिस्टम को manipulate करने के खतरे, constitutional status यानी कि क्या AI को “मंत्री” का अधिकारी दर्जा देना संवैधानिक है या नहीं – विपक्ष द्वारा इस पर मान्यता न देने और कानूनी विवाद की संभावना जताई जा रही है।

Diella राज्य के प्रमुख डिजिटल सुधार योजना का हिस्सा है, जिसमें पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मापने और EU-सदस्यता की दिशा में सुधार को तेज़ करना शामिल है। ये कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में हैं क्योंकि किसी देश ने इससे पहले सरकारी ठेकों पर AI को इतनी भूमिका नहीं दी थी।

निष्कर्ष यह है कि Diella का नियुक्त होना सिर्फ टेक्नोलॉजी बदलाव नहीं है, बल्कि अधिकारियों और नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश है, सरकारी खर्चों और निर्णयों में पारदर्शिता लाने की पहल है। यदि मानव निरीक्षण ठीक से हो, AI को misuse ना होने दिया जाए, और निर्णय प्रक्रिया खुली हो – तो यह अन्य देशों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।

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