Arm Holdings Plc, जो SoftBank Group के अधीन है, ने हाल ही में अपनी भारत में AI विस्तार की महत्वाकांक्षाएँ जाहिर की हैं, जिसमें यह सरकार के साथ साझेदारी करना चाहती है ताकि देश की स्टार्टअप इकोसिस्टम को Arm की AI टेक्नोलॉजीज तक बेहतर पहुँच मिल सके। Arm का CEO Rene Haas कह चुके हैं कि भारत कंपनी के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है और आने वाले समय में भारत में Arm की employee strength दूसरे सभी क्षेत्रों की तुलना में ज़्यादा बढ़ेगी। Arm चाहता है कि भारत सरकार एक ऐसा framework तैयार करे जो startups को Arm के आर्किटेक्चर, IPs और AI tools का उपयोग करने में सहजता दे, लाइसेंसिंग, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता की व्यवस्था बने।
We’re proud to be a technology partner for Stargate UK, marking a major step in expanding Britain’s AI computing power and digital infrastructure.
— Arm (@Arm) September 17, 2025
We look forward to continuing to deliver scalable, power-efficient AI that enables breakthroughs from the UK to the world.… pic.twitter.com/RblyrEZxvq
इसके अलावा, Arm ने बेंगलुरु में एक नया ऑफिस खोला है जो कि 2 नैनोमीटर चिप्स के डिज़ाइन पर काम करेगा, जिससे भारत की सेमीकंडक्टर डिजाइन क्षमता में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ये चिप्स मोबाइल, लैपटॉप, ऑटोमोटिव और AI-परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होंगी। भारत में इस तरह की पहल से सिर्फ निवेश नहीं बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय प्रतिभा (talent) को भी बड़े प्रोजेक्ट्स देने का अवसर मिलेगा।
इसका मतलब है कि startups जो AI inference, embedded AI, edge computing आदि पर काम कर रहे हैं, उन्हें Arm की तकनीकी सहायता व बड़े डिजाइन टूल्स तक पहुँच मिलने की उम्मीद होगी। भारत में इस तरह की पहल से यूनिवर्सिटी-इन्शिप किये प्रोजेक्ट्स, रिसर्च-डैवेलपमेंट (R\&D) और डिज़ाइन-किर्क्युलम को भी मज़बूती मिलेगी क्योंकि कंपनी चाहती है कि टेक्नोलॉजी लोकल जरूरतों से मेल खाए।
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हालाँकि चुनौतियाँ भी होंगी; एक तो IP और लाइसेंसिंग का मसला होगा कि लागत कैसे होगी और startups को वे उचित अधिकार मिलेंगे या नहीं। दूसरी, भारत में सेमीकंडक्टर और AI हार्डवेयर डिजाइन के लिए संसाधन और infrastructure अभी चुनिन्दा हैं और बहुत बड़े निवेश की ज़रूरत होगी। तीसरी, नियम-नियम और नीति (policy & regulation) की स्पष्टता होनी चाहिए कि किस तरह Arm की AI टेक्नोलॉजीज़ का उपयोग होगा, data सुरक्षा कैसी होगी, और देश की सुरक्षा व आत्मनिर्भरता को कैसे संतुलित किया जाए।
कुल मिलाकर, Arm की यह योजना भारत को AI हार्डवेयर और डिज़ाइन क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी बनाने की क्षमता रखती है। यदि यह साझेदारी सफल हुई, तो आने वाले वर्षों में न सिर्फ भारत में AI आधारित उपकरण और सेवाएँ बढ़ेंगी, बल्कि भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) और टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता भी मजबूत होगी।
Most advanced chips of 2nm (used in AI servers, drones, mobile phones) to be designed/ developed by Arm in India. 🇮🇳 pic.twitter.com/88CLJIfrpr
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 16, 2025