टेक्नोलॉजी लगातार हेल्थकेयर सेक्टर को बदल रही है और अब इसी दिशा में आया है Brainchop, एक ओपन-सोर्स टूल जो सीधे आपके वेब ब्राउज़र में 3D MRI Segmentation की सुविधा देता है। इसे हाल ही में रिसर्चर Leon Wohlgemuth ने शेयर किया है।
Brainchop की खासियत यह है कि इसमें एक लाइटवेट डीप लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल किया गया है। इसका मतलब है कि यूज़र्स को किसी हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटर या स्पेशल सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी MRI फ़ाइल को NIfTI फॉर्मेट में अपलोड करें और टूल अपने आप उसका 3D सेगमेंटेशन कर देता है।

MRI डेटा प्रोसेसिंग को आसान बनाने का यह कदम मेडिकल इमेजिंग की दुनिया में काफी अहम है। दरअसल, NIfTI (Neuroimaging Informatics Technology Initiative) फॉर्मेट न्यूरोइमेजिंग डेटा शेयरिंग और प्रोसेसिंग के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड है। Brainchop इस फॉर्मेट को सीधे ब्राउज़र में सपोर्ट करता है, जिससे रिसर्चर्स और डॉक्टर्स को बिना किसी जटिल इंस्टॉलेशन के MRI डेटा पर काम करने की सुविधा मिलती है।
यह डेवलपमेंट मेडिकल एआई की उस बढ़ती ट्रेंड का हिस्सा है, जिसमें लाइटवेट डीप लर्निंग मॉडल्स का इस्तेमाल डायग्नोस्टिक एक्यूरेसी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। 2023 में MDPI Journal में पब्लिश हुई एक स्टडी में दिखाया गया था कि ऐसे ही मॉडल्स का इस्तेमाल Alzheimer’s Disease detection के लिए किया गया और उन्होंने बहुत कम कंप्यूटेशनल पावर के बावजूद हाई परफॉर्मेंस दी। Brainchop भी इसी विज़न के साथ बनाया गया है ताकि एडवांस्ड MRI एनालिसिस हर किसी के लिए एक्सेसिबल हो सके।
इस तरह Brainchop न सिर्फ मेडिकल रिसर्चर्स के लिए बल्कि क्लीनिकल सेटअप में काम कर रहे हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए भी एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह उन टूल्स की लिस्ट में शामिल हो गया है जो आने वाले समय में AI-ड्रिवन मेडिकल इमेजिंग को और भी ज्यादा पावरफुल और डेमोक्रेटिक बना देंगे।
