Google Search Live भारत में: AI मोड में बोले-समझे सर्च का नया अनुभव

Google ने घोषणा की है कि वह अपने सर्च प्लेटफ़ॉर्म में एक नया AI फीचर, Search Live, भारत में जल्द ही लाएगा। यह फीचर उपयोगकर्ताओं को वॉइस और वीडियो इनपुट के माध्यम से Google से बातचीत करने की सुविधा देगा – यानी आप बिना टाइप किए प्रश्न पूछ सकते हैं और उत्तर सुन सकते हैं। इस कदम के साथ भारत संयुक्त राज्य के बाद पहला देश बन जाएगा, जहाँ यह सुविधा उपलब्ध होगी।

Search Live को Google की AI Mode सुविधा के साथ इंटीग्रेट किया गया है। Google ने बताया है कि इस नए फीचर में “Live” आइकन दिखाई देगा, जिससे उपयोगकर्ता इसे चालू कर सकेंगे, कैमरा का उपयोग कर वस्तुओं को पहचानेंगे, और उसी समय प्रश्न पूछ सकेंगे। उदाहरण के लिए, आप अपने मोबाइल कैमरा को किसी आइटम की ओर घुमा कर पूछ सकते हैं, “यह क्या है?” या “इसे कहाँ से खरीद सकता हूँ?” – और Google तुरंत जवाब देगा, लिंक दिखाएगा और अधिक जानकारी ले जाने का विकल्प देगा।

भारत में AI Mode पहले ही लॉन्च हो चुका है – जुलाई 2025 में इसे सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खोल दिया गया था, और अब इसे AI Mode टैब के ज़रिए सीधे Google Search ऐप में देखा जा सकता है। AI Mode उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट, वॉइस और विज़ुअल इनपुट देने की सुविधा देती है, और यह लंबे, जटिल प्रश्नों को बेहतर ढंग से संभालने की कोशिश करती है।

Search Live में कई तकनीकी उन्नतियाँ शामिल होंगी। Google ने बताया है कि यह फीचर “मल्टीमॉडल” होगा – यानी आप कैमरा, वॉइस और टेक्स्ट के मिश्रण से सर्च कर सकते हैं। यह बैक-एंड पर Gemini AI मॉडल का एक कस्टम रूप उपयोग करेगा। इसके अलावा, Deep Search फंक्शन AI Mode में शामिल होगा, जिससे उपयोगकर्ता और “गहरे” शोध (in-depth) कर सकेंगे – विशेष रूप से उन विषयों पर जहाँ सामान्य सर्च परिणाम पर्याप्त नहीं होते।

Google का कहना है कि भारत जैसे देश ने पहले से ही वॉयस और विज़ुअल सर्च को बड़े पैमाने पर अपनाया है, और इसलिए Search Live के लिए भारत को प्राथमिकता दी गई है। यह कदम Google की रणनीति का हिस्सा है – पारंपरिक “जानकारी खोज (information retrieval)” से आगे बढ़कर एक “इंटेलिजेंस-सहायता (intelligence) आधारित सर्च” अनुभव देना।

जहां तक उपयोगकर्ता अनुभव की बात है, Search Live धीरे-धीरे रोलआउट होगा। शुरुआत में यह iOS और Android दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर Google ऐप में उपलब्ध होगा। शुरुआत में यह अंग्रेज़ी में उपलब्ध होगा, और बाद में अन्य भारतीय भाषाओं (हिंदी आदि) का समर्थन आने की संभावना है।

इस फीचर के साथ चुनौतियाँ भी होंगी – जैसे कि AI द्वारा गलत जानकारी देना (hallucination), प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के मुद्दे, और उन उपयोगकर्ताओं को उपयोग की सुविधा देना जो इंटरनेट या AI से कम परिचित हैं।

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