भारत अब Sovereign AI Revolution की ओर बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि देश अपनी खुद की आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस बनाएगा, जो पूरी तरह से भारतीय ज़रूरतों और भारतीय डेटा पर आधारित होगी। इससे देश को तकनीकी आत्मनिर्भरता मिलेगी और बाहरी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी। सरकार का मानना है कि यह कदम आने वाले समय में भारत को डिजिटल सुपरपावर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
इस AI का सबसे बड़ा फ़ायदा होगा डेटा सुरक्षा। भारत का डेटा भारत के भीतर ही रहेगा और ग्लोबल टेक कंपनियों पर पूरी तरह निर्भर नहीं होगा। दूसरा बड़ा लाभ होगा लोकल लैंग्वेज सपोर्ट। भारत की दर्जनों भाषाओं और बोलियों के लिए AI टूल्स बनेंगे, जिससे आम लोग आसानी से सरकारी सेवाओं और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
Sovereign AI to Dominate Government Adoption!
— Anshuman Jha (@_Anshuman_Jha) September 13, 2025
Governments turn to sovereign AI as citizen demands surge! #SovereignAI #GovTech pic.twitter.com/Ce7qoRREbZ
सरकार ने संकेत दिए हैं कि Sovereign AI का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और प्रशासन में सबसे पहले किया जाएगा। इससे किसानों को मौसम और खेती की सही जानकारी मिलेगी, छात्रों को अपनी भाषा में पढ़ाई में मदद मिलेगी और अस्पतालों में AI-सक्षम सिस्टम से इलाज और तेज़ और सटीक होगा।
भारत का यह कदम स्टार्टअप्स और लोकल कंपनियों के लिए भी बड़ा मौका होगा। AI-आधारित स्टार्टअप्स अब भारतीय डेटा पर काम करके नए-नए प्रोडक्ट बना पाएंगे और उन्हें ग्लोबल मार्केट में भी पेश कर सकेंगे। यही कारण है कि टेक इंडस्ट्री इस कदम को “भारत की AI क्रांति” कह रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह योजना सही दिशा में आगे बढ़ी तो आने वाले 5-7 सालों में भारत न सिर्फ डिजिटल इंडिया बनेगा बल्कि AI पावरहाउस भी। Sovereign AI भारत को दुनिया के बड़े देशों जैसे अमेरिका और चीन के बराबरी में खड़ा करने का सामर्थ्य रखता है।
It's official 🇮🇳
— Sarvam AI (@SarvamAI) April 26, 2025
We're proud to announce that Sarvam has been selected by the Government of India under the IndiaAI Mission to build India's sovereign Large Language Model.
Building India's sovereign model from the ground up is a crucial step toward Atmanirbhar Bharat. The… pic.twitter.com/nA4WgQ0aw0
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