Meta Platforms AI-उद्योग की बढ़ती बिजली-खपत को संभालने के लिए सिर्फ renewables खरीदने तक ही नहीं रुक रही है – अब कंपनी बिजली के wholesale trading business में भी कदम रखने की तैयारी कर रही है। हाल ही में Meta ने अमेरिका के ऊर्जा नियामकों से आवेदन किया है ताकि वे बिजली बाजारों (wholesale power markets) में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकें, जिससे डेटा-सेंटर्स को बिजली आपूर्ति और लागत दोनों में नियंत्रण मिल सके।
AI’s rapid growth is sharply increasing electricity and water demand at hyperscale data centers, with power usage from Google, Microsoft, and Meta rising 25-27% year-on-year.
— Swarup Kumar (@iamswarupkumar) August 13, 2025
surge is pushing data centers and tech giants toward large clean energy investments for solar, wind etc pic.twitter.com/lGsk9LUdcx
AI मॉडल्स और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को चलाने के लिए भारी मात्रा में बिजली चाहिए होती है, और Meta जैसी कंपनियों को पिछले कुछ वर्षों में लागत-और सीमित बिजली आपूर्ति (power supply constraints) दोनों से जूझना पड़ा है।
Meta ने कई Power Purchase Agreements (PPAs) साइन किए हैं – सोलर और विंड प्रोजेक्टों के साथ – ताकि AI डेटा-सेंटरों को स्वच्छ ऊर्जा मिल सके। उदाहरण के लिए, कंपनी ने Invenergy के साथ लगभग 791 मेगावाट का नया solar+wind deal किया है और इससे पहले भी लगभग 760 मेगावाट के renewable बिजली सौदे किये थे। इसके अलावा, Meta ने Illinois के Clinton Clean Energy Center से 20-वर्ष की न्यूक्लियर बिजली खरीदने का सौदा भी किया है ताकि बिजली की विश्वसनीय और सतत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
Power trading में प्रवेश से Meta को निम्नलिखित लाभ होने की उम्मीद है:
- जब बिजली की कीमतें ऊँची हों, तो excess बिजली (जो किसी डेटा-सेंटर द्वारा नहीं लग रही हो) बेचने से अतिरिक्त राजस्व।
- बिजली आपूर्ताओं (utilities) और उत्पादन सस्ते स्रोतों के बीच साझेदारी बढ़ाना ताकि AI वर्कलोड्स को लागत-प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से चलाया जा सके।
- बिजली आपूर्ति के संकट (supply shortages) या अचानक कीमतों में वृद्धि से बचाव करना, क्योंकि AI डेटा-सेंटर्स लगभग लगातार चलते रहते हैं।
लेकिन चुनौतियाँ भी हैं: wholesale power markets में व्यापार करना आसान नहीं है – नियम (regulation), बाजार की देरी (market latency), ग्रिड-कनेक्टिविटी और बिजली की गुणवत्ता आदि को मैनेज करना होगा। इसके अलावा, clean energy स्रोतों की स्थिरता और परिचालन लागत पर सतत निगरानी ज़रूरी है।
कुल मिलाकर, Meta का यह कदम AI-उद्योग में बिजली की आपूर्ति और लागत नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। यदि यह काम कर गया, तो अन्य टेक-दिग्गज जैसे Microsoft, Google आदि भी इसी तरह बिजली-पावर ट्रेडिंग मॉडल और बिजली-निर्माण के स्रोतों पर और ज़्यादा निर्भर होंगे।
Meta Pushes Into Power Trading as AI Sends Demand Soaring pic.twitter.com/t1R6r3wF8D
— Equalwealth (@schuyler_yu) September 19, 2025
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