OpenAI और NVIDIA ने मिलकर एक बेहद बड़ा AI इंफ्रास्ट्रक्चर सौदा किया है जिसका मूल्य लगभग $100 बिलियन है, और यह सौदा AI टेक्नोलॉजी के भविष्य को काफी प्रभावित कर सकता है। इस साझेदारी का मकसद है कम-से-कम 10 गीगावॉट की कंप्यूटिंग शक्ति वाले डेटा सेंटरों का नेटवर्क तैयार करना, जिसमें NVIDIA के सिस्टम्स (GPUs और संबंधित हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर) का उपयोग होगा।
OpenAI CEO Sam Altman & President Greg Brockman on the 10 GW deal with Nvidia:
— The AI Investor (@The_AI_Investor) September 23, 2025
100 billion is still small, that’s only the scale of million of GPUs; we’re talking about billions.
We’re three orders of magnitude away from where we need to be. pic.twitter.com/1TFl2ADWUq
अक्टूबर-नवम्बर 2026 की दूसरी छमाही में इस सौदे का पहला चरण शुरू होगा, जिसमें पहला गीगावॉट डेटा सेंटर NVIDIA के Vera Rubin प्लेटफॉर्म पर तैनात किया जाएगा। ([NVIDIA Newsroom][1]) OpenAI और NVIDIA ने माना है कि “compute” अर्थात् कंप्यूटिंग पावर AI विकास की रीढ़ है, और इस सौदे से अगले-जेनरेशन AI मॉडल्स (AI models) को प्रशिक्षण और संचालन करने में मदद मिलेगी।
यह साझेदारी NVIDIA को सिर्फ़ हार्डवेयर सप्लायर बनाकर नहीं रखेगी, बल्कि NVIDIA को OpenAI में गैर-नियंत्रक (non-controlling) हिस्सेदारी मिलेगी। सौदे के अनुसार OpenAI को नकद (cash) अदा करके NVIDIA के डेटा सेंटर चिप्स ख़रीदने होंगे, और उसी आधार पर NVIDIA निवेश करेगा जैसे-जैसे हर गीगावॉट की तैनाती होगी।
इस घोषणा के बाद NVIDIA के शेयरों में अच्छी वृद्धि हुई है, क्योंकि निवेशक इस सौदे को AI बूम में भविष्य की ज़रूरतों के अनुरूप बड़ा कदम मान रहे हैं। ([Investopedia][4]) जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के सौदे में उत्पादन, ऊर्जा आपूर्ति, डेटा सेंटर निर्माण की लागत और पर्यावरणीय प्रभावों को भी ध्यान में रखना पड़ेगा।
भारत सहित दुनियाभर में इस तरह के बड़े AI इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश का असर दिखेगा – क्लाउड सेवा-प्रदाता, AI स्टार्टअप्स, शोध संस्थाएँ और सरकारें इस तरह के संसाधनों का उपयोग करके तेज़ी से उन्नत AI मॉडल तैयार कर सकेंगी। इस सौदे से मांग बढ़ेगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, और संभव है कि हार्डवेयर कीमतों में भी बदलाव होगा क्योंकि NVIDIA के चिप्स और डेटा सेंटर उपकरणों की ज़रूरत और अधिक होगी।
हालाँकि, यह सौदा अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है – यह एक “letter of intent” है, यानी अधर में कुछ बातें अभी तय करनी बाकी हैं। फिर भी समय-सीमा, तकनीकी चुनौतियाँ, ऊर्जा और बिजली आपूर्ति, डेटा सेंटर निर्माण की अनुमति (permits) वगैरह जैसी बाधाएँ हो सकती हैं।
संक्षेप में कहें तो OpenAI-NVIDIA $100B की यह साझेदारी AI इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मील का पत्थर है। 10 गीगावॉट कंप्यूट शक्ति और लाखों GPUs की तैनाती से अगले कुछ वर्षों में AI मॉडल्स ज़्यादा जल्दी, ज़्यादा सस्ते में और ज़्यादा स्केल पर तैयार होंगे। यदि आप चाहें, तो इस सौदे के महत्व, चुनौतियों और भारत पर असर का गहराई से लेख भी लिख सकता हूँ?
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