Perplexity AI: $34 बिलियन का Chrome ऑफर, ज़रूरी Indian Stocks फीचर और कोर्ट केस का सफाया

परिचय

Perplexity AI—AI चैट और खोज श्रेणी में तेज़ उभरता नाम—ने हाल ही में कुछ हिस्ल्ट फ्रेमिंग कदम उठाए हैं। इन कदमों ने टेक इंडस्ट्री में नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें Chrome अधिग्रहण से लेकर copyright विवाद शामिल हैं।

$34.5 अरब में Chrome अधिग्रहण प्रस्ताव

Wall Street Journal की रिपोर्ट के अनुसार, Perplexity AI ने Google Chrome के लिए \$34.5 अरब की नकदी पेशकश की—जो उद्योग में एक बड़े झंझावात की तरह है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रस्ताव इस asset का फैला हुआ valuation नहीं समझता, बल्कि Perplexity की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए लाइव ट्रांस्क्रिप्ट

The New York Times ने बताया कि Perplexity अब Indian stocks के earnings call को लाइव ट्रांस्क्रिप्ट के रूप में सपोर्ट करती है—जो भारतीय निवेशकों के लिए समय पर जानकारी की सुविधा को बढ़ाता है।([Google News][1])

कॉपीराइट विवाद और कानूनी लड़ाई

Yomiuri Shimbun (Japan) ने Perplexity AI के ख़िलाफ copyright उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है।
TechCrunch के अनुसार Perplexity ने इस मामले को खारिज करने की कोशिश की-बताना मुश्किल है कि निष्कर्ष कब तक आएगा, लेकिन यह बताता है कि AI जगत में जोखिम और कानूनी दाँव-पेंच बढ़ते जा रहे हैं।

Perplexity vs Grok AI: कौन आगे?

Nieman Lab द्वारा प्रकाशित तुलना से पता चलता है कि Grok AI और Perplexity AI दोनों ही AI-based ब्राउज़र के रूप में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। यह तुलना 2025 की AI की दिशा और उपयोगकर्ता प्राथमिकताएँ दिखाती है।

निष्कर्ष:

Perplexity AI की हाल की पहलों-Chrome प्रस्ताव से लेकर stock transcripts और lawsuits—इस AI स्टार्टअप की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और मौजूदा माहौल में इसकी रणनीतिक चालों को दर्शाते हैं। यह स्पष्ट है कि AI ब्राउज़रों की लड़ाई सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि आर्थिक, कानूनी और वैश्विक स्तर पर भी जारी है।

Airtel ने हर यूज़र को गिफ्ट किया Perplexity Pro – जानें ₹17,000 की बेहतरीन AI टूल्स की डिटेल