SoftBank का बड़ा दांव: AI में निवेश, कर्मचारियों की छंटनी से मचा हड़कंप

2025 में टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बड़ी हलचल मच गई है। ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक, SoftBank Lays Off Staff Amid Bold AI Push की खबर सामने आई है, जिसने ग्लोबल टेक इंडस्ट्री में चर्चाओं को तेज कर दिया है। जापान की दिग्गज कंपनी SoftBank, जो लंबे समय से स्टार्टअप्स और टेक इन्वेस्टमेंट में एक्टिव रही है, अब अपना पूरा फोकस AI पर शिफ्ट कर रही है। इसी रणनीति के तहत कंपनी ने कई कर्मचारियों की छंटनी की है।

SoftBank का यह कदम दिखाता है कि कंपनी भविष्य की टेक्नोलॉजी में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर री-स्ट्रक्चरिंग कर रही है। जहां एक ओर कर्मचारियों की नौकरियों पर असर पड़ा है, वहीं दूसरी ओर SoftBank ने यह साफ कर दिया है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपने बिज़नेस का मुख्य आधार बनाने जा रही है। कंपनी के मुताबिक, आने वाले समय में हेल्थकेयर, फाइनेंस, रोबोटिक्स और कम्युनिकेशन जैसे सेक्टर्स में AI की डिमांड जबरदस्त तरीके से बढ़ने वाली है और SoftBank इसी भविष्य के लिए खुद को तैयार कर रही है।

यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़ी कंपनी ने AI पर आक्रामक निवेश के लिए छंटनी का सहारा लिया हो। पिछले साल Google, Microsoft और Amazon जैसी कंपनियों ने भी कुछ डिवीज़न से कर्मचारियों को निकालकर अपने AI प्रोजेक्ट्स में ज्यादा रिसोर्सेज लगाने शुरू किए थे। SoftBank भी उसी राह पर चलते हुए अपने Vision Fund और AI रिसर्च इनिशिएटिव्स को मजबूत करने में जुटा है।

हालांकि इस कदम की आलोचना भी हो रही है। कई इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ AI पर फोकस करना और अचानक बड़े पैमाने पर छंटनी करना कर्मचारियों के भरोसे को तोड़ सकता है। वहीं, दूसरी तरफ इन्वेस्टर्स इस कदम को पॉज़िटिव मान रहे हैं क्योंकि इससे SoftBank आने वाले समय में AI इनोवेशन की दौड़ में टॉप प्लेयर्स के साथ खड़ा हो सकता है।

भारत और एशिया के टेक मार्केट पर भी इस कदम का असर पड़ सकता है। SoftBank ने भारतीय स्टार्टअप्स में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया है और अब उम्मीद की जा रही है कि यहां भी AI-सेंट्रिक स्टार्टअप्स को ज्यादा फंडिंग और सपोर्ट मिलेगा।

स्पष्ट है कि SoftBank का यह bold AI push आने वाले सालों में ग्लोबल टेक इकॉनमी पर गहरा असर डालेगा। यह सिर्फ एक कंपनी की रणनीति नहीं बल्कि पूरी दुनिया की टेक इंडस्ट्री में हो रहे बदलाव का संकेत है।

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