Morgan Stanley के वरिष्ठ विश्लेषक Adam Jonas की एक रिपोर्ट ने भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनके अनुसार, अगर भविष्य में 1 अरब ह्यूमनॉइड रोबोट अस्तित्व में आते हैं, तो वे हर साल लगभग 4,000 टेरावाट-घंटा (TWh) बिजली की खपत करेंगे। यह आंकड़ा अमेरिका की मौजूदा बिजली ग्रिड की पूरी सालाना उत्पादन क्षमता के बराबर है, जो इस संभावित तकनीकी विकास को एक बहुत बड़ी ऊर्जा चुनौती में बदल देता है।
इस आकलन को Tesla के Optimus रोबोट के ऊर्जा उपयोग से भी समझा जा सकता है, जिसकी बैटरी क्षमता लगभग 2.3 kWh है। हालांकि Jonas का अनुमान है कि हर रोबोट औसतन प्रतिदिन 11 kWh बिजली का उपभोग करेगा। अगर 1 अरब रोबोट रोज़ाना 11 kWh ऊर्जा का उपयोग करें, तो पूरे साल में खपत होगी लगभग 4,015 TWh (11 × 1,000,000,000 × 365), जो Jonas के दावे को तकनीकी रूप से सटीक बनाता है।
यह अनुमान उस समय सामने आया है जब अमेरिका की मौजूदा बिजली वितरण व्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों से जूझ रही है। 2022 में प्रकाशित हार्वर्ड के Belfer Center की एक स्टडी के अनुसार, आने वाले वर्षों में अमेरिका को 2 से 5 गुना अधिक ट्रांसमिशन क्षमता की जरूरत होगी, और इसके लिए लगभग $2.4 ट्रिलियन डॉलर का निवेश भी करना पड़ेगा।
रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया तेज़ी से विकसित हो रही है, लेकिन इसके साथ-साथ इसकी ऊर्जा जरूरतें भी आसमान छूने लगी हैं। अगर ह्यूमनॉइड रोबोट्स बड़े पैमाने पर मानव जीवन में शामिल होते हैं—चाहे वह घर, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा या आपदा राहत हो—तो हमें केवल तकनीकी नहीं बल्कि आधारभूत ऊर्जा ढांचे को भी उसी स्तर पर अपग्रेड करना होगा।
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इसका अर्थ यह भी है कि भविष्य की तकनीकी प्रगति तभी संभव होगी जब अक्षय ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड्स और बेहतर ट्रांसमिशन नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश और नवाचार किया जाए। अन्यथा, हम तकनीकी रूप से आगे बढ़ते हुए भी ऊर्जा संकट की ओर बढ़ सकते हैं।
“humanoid robots electricity demand” अब केवल एक तकनीकी चर्चा नहीं, बल्कि ऊर्जा नीति, निवेश और वैश्विक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गंभीर प्रश्न बन चुका है।
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