Russia की नई Oreshnik मिसाइल से यूरोप में बढ़ा डर, जनरल कराकायेव का बड़ा बयान

रूस और नाटो (NATO) देशों के बीच तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी बीच 2 जून 2025 को रूस के जनरल सर्गेई कराकायेव ने एक बड़ा बयान देकर पूरे यूरोप को चौकन्ना कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि रूस की नई Oreshnik hypersonic missile इतनी ताकतवर है कि वह यूरोप के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकती है, और उसके टारगेट पहले से लॉक कर दिए गए हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन पर रूस की हवाई हमले लगातार तेज़ होते जा रहे हैं। Al Jazeera की 29 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने हाल ही में यूक्रेन के कई शहरों पर अब तक के सबसे बड़े एयर स्ट्राइक किए हैं। ऐसे में कराकायेव का यह बयान इस युद्ध को और भी खतरनाक दिशा में ले जा सकता है।

Oreshnik मिसाइल की खासियत यह है कि यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो Mach 20 (यानी आवाज की गति से 20 गुना तेज) की रफ्तार से उड़ती है। यह मिसाइल पुरानी RS-26 Rubezh टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसकी रेंज 1,000 से 5,500 किलोमीटर तक है। BulgarianMilitary.com की 29 मई की रिपोर्ट के अनुसार, यह मिसाइल इतनी तेज़ और एडवांस्ड है कि इसे रोकना लगभग नामुमकिन है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस ने 21 नवंबर 2024 को यूक्रेन के Dnipro शहर पर किया था। उस समय यह हमला पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के जवाब में किया गया था।

जनरल कराकायेव का यह बयान केवल तकनीकी जानकारी नहीं है, बल्कि एक तरह से यह यूरोप और नाटो देशों को सीधी चेतावनी भी है। उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की है कि किसी भी पश्चिमी उकसावे का तुरंत और सख्त जवाब दिया जाए। इसे रूस की रणनीतिक चाल माना जा रहा है, जिसे कुछ विशेषज्ञ “Kremlin blackmail” भी कह रहे हैं।

Carnegie Endowment की नवंबर 2024 की रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस इस तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल सिर्फ युद्ध के लिए नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने के लिए भी करता है। यानी यह मिसाइल एक राजनीतिक हथियार की तरह भी काम करती है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इस मिसाइल को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। Jeffrey Lewis, जो Middlebury Institute में मिसाइल तकनीक के जानकार हैं, उन्होंने कहा कि Oreshnik मिसाइल उतनी सटीक नहीं है जितनी दिखाई जा रही है। साथ ही इसकी लागत भी बहुत ज्यादा है। उनका मानना है कि यह मिसाइल असल में डर फैलाने के लिए बनाई गई है, न कि सटीक सैन्य हमलों के लिए।

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इस पूरे घटनाक्रम का मतलब साफ है: रूस और पश्चिमी देशों के बीच रिश्ते अब और बिगड़ सकते हैं। यूक्रेन में चल रही लड़ाई के बीच अगर इस तरह की मिसाइलों का खुले तौर पर इस्तेमाल या धमकी दी जाती है, तो इससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।

Oreshnik hypersonic missile भले ही तकनीकी रूप से एडवांस हो, लेकिन इसका असली असर राजनीतिक और रणनीतिक क्षेत्र में ज्यादा दिख रहा है। यह दिखाता है कि आज की जंग सिर्फ हथियारों की नहीं, बल्कि शब्दों और संकेतों की भी है। और ऐसे बयानों से यह साफ होता है कि रूस अब किसी भी हद तक जा सकता है।

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Akshay Barman

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