जब एक शहर की रात अचानक आग की लपटों से रोशन हो जाए, तो वो रोशनी, रौशनी नहीं रहती – वो डर बन जाती है। कुछ ऐसा ही मंजर एक बार फिर दुनिया ने देखा कीव की सड़कों पर, जहां 7 जून 2025 की रात एक खतरनाक हमले ने सब कुछ बदल दिया।
X (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो सामने आया, जिसे @vladimirputiniu नामक यूज़र ने पोस्ट किया। उस वीडियो में देखा गया कि कीव का एक बड़ा इलाका जल रहा था। इमारतें गिर चुकी थीं, और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिश में लगी थीं। यह वीडियो एक संकेत था, एक और भीषण हमले का, जो रूस द्वारा यूक्रेन पर किया गया हैं।
यह हमला यूं ही अचानक नहीं हुआ। इससे एक दिन पहले, 6 जून को भी रूस ने एक बड़ा हमला किया था जिसमें 407 ड्रोन और 45 मिसाइलें दागी गई थीं। यह हमला इतना बड़ा था कि कीव का मेट्रो सिस्टम भी ठप हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कम से कम 6 लोगों की जान चली गई और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए।
यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स की 4 जून 2025 की रिपोर्ट बताती है कि रूस के पूर्ण पैमाने पर किए गए हमले के बाद से अब तक 210,000 से अधिक इमारतें तबाह हो चुकी हैं। इसमें स्कूल, अस्पताल और धार्मिक स्थल तक शामिल हैं। सोचिए, जहां एक बच्चा पढ़ने जाता था, आज वहां सिर्फ राख बची है। जहां लोग दुआ करने जाते थे, वहां अब खामोशी और खंडहर हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध ने अब एक ऐसा मोड़ ले लिया है, जहां सिर्फ फौजें ही नहीं लड़ रहीं, बल्कि आम लोग भी इसकी कीमत चुका रहे हैं – अपनों को खोकर, घर उजड़वाकर, और हर दिन डर में जीकर।
दुनिया के कई हिस्सों से शांति की अपीलें हो रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी बेहद दर्दनाक है। यूक्रेन में एक बच्चा अगर किसी इमारत के मलबे को खेल समझकर छूता है, तो उसे नहीं पता कि वो युद्ध की राख है।
ऐसे में एक सवाल उठता है – क्या हम सब सिर्फ तमाशबीन बनकर रह जाएंगे? या इस खामोशी में किसी की चीख सुनकर कुछ बदलने की कोशिश करेंगे? कमेंट बॉक्स पर आपका राय जरूर बताये।
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