जब एक शहर की सड़कों पर अचानक फेडरल एजेंट्स पूरी ताकत के साथ उतरें और लोग डर के मारे अपने घरों में बंद हो जाएं – तो समझ लीजिए कुछ बड़ा हो रहा है। ऐसा ही नज़ारा 7 जून 2025 को अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर में देखा गया।
एक वीडियो, जिसे पत्रकार निक सॉर्टर ने X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया, तेजी से वायरल हो गया। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे फेडरल एजेंट्स भारी हथियारों, बुलेटप्रूफ जैकेट और मिलिट्री गियर में दंगाइयों से भिड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह टकराव एक बड़े immigration raid (प्रवासी छापेमारी) के दौरान हुआ।
दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने फिर से सत्ता में आते ही “mass deportation” (बड़े पैमाने पर निष्कासन) की नीति को लागू करना शुरू कर दिया है। वादा था – “जो अवैध हैं, उन्हें जाना होगा।” लेकिन जैसे-जैसे ये नीति ज़मीन पर उतर रही है, विरोध भी बढ़ रहा है। कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं, और लॉस एंजेलिस में यह विरोध हिंसक रूप ले गया।
स्थानीय मीडिया और The New York Times की रिपोर्ट्स के अनुसार, एजेंट्स ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फ्लैश-बैंग ग्रेनेड और कम-घातक हथियारों का इस्तेमाल किया। चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। लोग चिल्ला रहे थे, कुछ घायल भी हुए। पुलिस की गाड़ियों की कतारें और हेलीकॉप्टर की आवाज़ें माहौल को और डरावना बना रही थीं।
लॉस एंजेलिस की मेयर कैरेन बास ने इन कार्रवाइयों की आलोचना की। उन्होंने कहा – “यह हमारे समुदाय में डर फैलाने जैसा है। लोगों के दिल में विश्वास नहीं डर पैदा हो रहा है।” वहीं, ट्रंप प्रशासन की तरफ से Homeland Security Secretary क्रिस्टी नोएम ने चेतावनी दी – “स्थानीय सरकारें अगर बाधा डालेंगी, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
ये टकराव सिर्फ सड़क पर नहीं हो रहा, बल्कि राजनीति के ऊपरी गलियारों में भी हो रहा है – जहां एक ओर है संघीय सरकार, जो कानून लागू कर रही है, और दूसरी ओर हैं शहरों की स्थानीय सरकारें, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की बात कर रही हैं।
लेकिन सवाल वही है, क्या सख्ती से किसी समस्या का हल निकलता है, या फिर डर से सिर्फ नई समस्याएं जन्म लेती हैं? इस टकराव ने एक बार फिर याद दिला दिया कि अमेरिका में प्रवास और नागरिकता की बहस सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं, यह अब सड़कों और इंसानी जिंदगियों से जुड़ गई है।
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