इंदौर के नवविवाहित जोड़े, राजा और सोनम रघुवंशी, मई की आखिरी तारीख में मेघालय गए थे, लेकिन उनका सफर एक खूनी रास्ते पर बदल गया जिसे देख पूरा देश दंग रह गया। मई 23 को दोनों शोर्रा क्षेत्र में गुम हो गए, और तभी से खोजबीन शुरू हुई। एक स्थानीय गाइड ने बताया कि दोनों को दोबारा देखा गया था, पहले अकेले और फिर तीन अंजान पुरुषों के साथ। उस गाइड की जानकारी ने पुलिस को एक खौफनाक दिशा दिखलाई ।
दोपहर बाद राजा का फोन आख़िरी बार सक्रिय हुआ और फिर दोनों के संपर्क टूट गए। क्वालिफाइड ड्रोन टीम ने 2 जून को राजा का शरीर एक खाई में पाया जो लगभग छह दिनों से उसमे पड़ा था। खून से सना एक माचेते और मोबाइल-फ़ोन पास में मिले, जिससे ज्ञात हुआ कि यह केवल हादसा नहीं बल्कि हत्या थी, जिसे पतंग की तरह नियोजित रूप से अंजाम दिया गया ।
इस मामले ने शर्तों को और भी गंभीर बना दिया जब पुलिस ने बताया कि सोनम ने ये साजिश की, उसने मध्यप्रदेश के तीन हत्याकारों को राजा की जान लेने के लिए कमीशन दिया था। इन लोगों को अलग-अलग राज्यों में गिरफ्तार किया गया, और सोनम की गिरफ्तारी यूपी के गाजीपुर में हुई, जहाँ उसने दावा किया कि वह निर्मम परिस्थितियों के कारण आत्मसमर्पण करने आई थी ।
भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग बयान सामने आए – इंडोर का परिवार, सोनम के पिता कह रहे हैं कि पुलिस की कथाएँ गलत हैं, जबकि मेघालय पुलिस ने उनका आरोप लगाया कि उन्होंने चिकित्सात्मक रूप से हत्याओं की योजना बनाकर कदम उठाया ।
राजा की हत्या के पीछे कारण क्या रहा, यह भी सामने आने लगा। एक बड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार, सोनम के एक पुराने प्रेमी के साथ अफेयर की जानकारी मिली थी, जिसे मध्यप्रदेश पुलिस और इंडोर परिवार ने स्वीकार किया। मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि सोनम ने यह मर्डर कमिशन उसके ही दोस्त या सहकर्मी को दिया था, जो चुपके से रूट में घुस गया था ।
इस एक स्थानीय गाइड, अल्बर्ट पीडी, जिसने शुरुआत में मदद मानी थी, वह पुलिस की मदद करने वाला एक अहम साक्षी बन गया। उसने यह भी बताया कि सोनम और राजा पहले उसकी मदद को ठुकरा चुके थे, लेकिन उस घटना ने पूरे केस की दिशा बदल दी ।
घटनास्थल से मिली माचेते (एक प्रकार का कुलहाड़ा), ड्रोन के रास्ते ली गई झलकियाँ, और हस्ताक्षर-पूरक मीडिया फुटेज ने मेघालय पुलिस को पुष्टि करने में मदद की कि यह सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि हत्या की योजना थी ।
राजा की हत्या की खबर ने देश को स्तब्ध किया, एक तरफ जहां नए-नवविवाहित जोड़ा था, वहीं इस सब में ठंडा खून दिखाने वाली साजिश थी। और अगर सोनम की योजना साबित हो गई, तो यह विवाह-बंधन और विश्वास का सबसे बड़ा धब्बा साबित होगा।
इस मामले में मानवता की नैतिकता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़े गंभीर सवाल उठते हैं – क्या शादी सिर्फ कागज़ों तक सिमित होती है अगर विश्वास पथ से प्रवाहित नहीं हो? क्या प्रेम ही ऐसी राह में बदल सकता है जहाँ हत्या की राह आसान हो जाती है?
अभी जांच पूरी नहीं हुई, और कई पहलुओं पर बहस जारी है – लेकिन इतना तय है कि यह घटना भारत में हनीमून ट्रैजेडी और पतित विश्वास की गहरी छाप छोड़ेगी।
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