आज Sonam Raghuvanshi अचानक एक national मुद्दा बन चुकी हैं, जब इनके पति Raja Raghuvanshi की हनीमून पर मर्डर हो गई और सोनम ही इस मामले की मुख्य संदिग्ध बन गई हैं। यह कहानी सिर्फ क्राइम नहीं, बल्कि रिश्तों, आरोपों और राजनेतिक ड्रामे का मिलाजुला एक सनसनीखेज मिक्स है, जिसने मीडिया और सोशल मीडिया दोनों को झकझोरा है।
मामला ये है कि इंदौर की रहने वाली 25 वर्षीय सोनम और 30 वर्षीय राजा ने 11 मई को शादी की और 23 मई को मेघालय के हनीमून के लिए रवाना हुए। लेकिन जैसे ही वह चेरापूंजी (सोहरा) पहुंचे, अचानक दोनों का संपर्क टूट गया। हनीमून के चौथे दिन, राजा का शव वीसॉडोंग झरने की घाटी में एक भयावह हालत में मिला—गले में गहरी चोट और जेवर गायब थे।
सिर्फ दस दिन बाद, सोनम खुद उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में मौजूद एक ढाबे पर सरेंडर कर दीं। वहां उन्होंने फोन पर अपना भाई बुलाया और कहा कि मेघालय में उनका अपहरण हुआ था। लेकिन पुलिस को जो मिला, उससे पूरा कहानी एक सीधी साजिश लगने लगी। गाज़ीपुर पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए, फिर मेघालय पुलिस ने तीन ‘contract killers’ को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया और सोनम को मुख्य आरोपी बनाया ।
आलोचना यहाँ खत्म नहीं होती – राजा की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि सिर में दो कट लगने की वजह से उनकी जान गई, और वहां मिले एक माचेते [Wapon] से हत्या की पुष्टि होती है । मेघालय के SIT ने खुलासा किया है कि सोनम के अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर हत्या की साजिश बनाई गई थी – इससे सारा मामला और भी गंभीर नजर आता है।
लेकिन हर कहानी का एक दूसरा पहलू भी होता है। सोनम के पिता देवी सिंह ने पूरी तरह आरोपों को नकारते हुए मांग की है कि CBI जांच हो – क्योंकि वह दावा करते हैं कि मेघालय पुलिस हिस्सेदारीदार है और सोनम निर्दोष हैं। इंदौर के पड़ोसी भी कहते हैं कि सोनम ‘शांति प्रिय लड़की’ थी और इस तरह की कोई घटना उस पर लागू नहीं होती – ये भावनात्मक पक्ष जनता की इसे समझने की नज़र को बदलते हैं।
वहीं सोशल मीडिया पर इस समाचार को लेकर एक नयी हलचल पैदा हुई है – “Sonam bewafa thi, hai, aur rahegi” जैसे memes ने इसे ट्रेंड बनाया है. यह इंटरेस्ट दर्शाता है कि यह मामला सिर्फ खून-खराबा नहीं, बल्कि भारतीय समाज में शादी, विश्वास, और भूमिका को लेकर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
अब आने वाला वक्त इस बात में अहम होगा कि पुलिस क्या सबूत पेश करती है, कोर्ट क्या आदेश देता है, और CBI जांच की मांग कब तक न्याय तक पहुंचती है। यह केस दर्शाता है कि कैसे हनीमून की खुशी एक हत्या की सनसनी बनकर सामने आ गई – और कैसे देश की नजर एक इमोशनल और जैविक विवाद की तरफ मुड़ी हुई है।
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