18 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब का दौरा किया। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक क्रोएशिया यात्रा थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान उन्होंने न केवल क्रोएशिया की जनता और सरकार से मुलाकात की, बल्कि वहां मौजूद भारतीय समुदाय से भी संवाद किया, जिससे इस दौरे की सांस्कृतिक और भावनात्मक अहमियत और बढ़ गई।
इस दौरे की खास बात यह थी कि ज़ाग्रेब में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया। पारंपरिक क्रोएशियन लोकनृत्य, रंग-बिरंगे परिधानों में कलाकारों की प्रस्तुति, और भारतीय झंडों के साथ स्थानीय भारतीय समुदाय ने मिलकर इस क्षण को अविस्मरणीय बना दिया। यह दृश्य केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव का भी प्रतीक था, जो दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करता है।
यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में आयोजित G7 सम्मेलन से लौट रहे थे। वहां उन्होंने दुनिया के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी और वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था। ऐसे में क्रोएशिया की यह यात्रा यह दिखाती है कि भारत अब केवल बड़े देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों से भी संबंध मजबूत कर रहा है।
क्रोएशिया यूरोप का एक अहम देश है, जो यूरोपीय संघ (EU) और नाटो का सदस्य है। वहां भारत की सक्रियता बढ़ाना न केवल व्यापार के लिए बल्कि सामरिक साझेदारी के लिए भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा, शिक्षा, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका को और सशक्त बना रहा है। मोदी सरकार की ‘Act East‘ और ‘Think West‘ नीति अब ‘Engage Europe‘ में बदल रही है, जिसका उद्देश्य यूरोपीय देशों से रणनीतिक और व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करना है।
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया की संसद के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की और तकनीक, रक्षा और हरित ऊर्जा के क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की। इसके अलावा भारतीय कंपनियों को क्रोएशिया में निवेश के लिए प्रेरित किया गया, जिससे भविष्य में भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार बढ़ने की संभावना है।
यह दौरा सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी था। ज़ाग्रेब में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के लिए यह बहुत ही खास दिन था। मोदी से मिलने के लिए सैकड़ों लोग एकत्र हुए, कई लोगों की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर गर्व था। मोदी ने वहां उपस्थित सभी भारतीयों को यह विश्वास दिलाया कि भारत सरकार विदेशों में रह रहे हर भारतीय के साथ खड़ी है।
इस यात्रा से यह भी संकेत मिलता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है। चाहे वह G7 जैसे बड़े मंच हों या छोटे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध, भारत हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। क्रोएशिया दौरा भले ही पहली बार हुआ हो, लेकिन इसका असर लंबे समय तक दोनों देशों के रिश्तों में देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह क्रोएशिया यात्रा केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह भारत की एक नई अंतरराष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है, जिसमें हर देश, चाहे छोटा हो या बड़ा, अहम है। इस दौरे से भारत-क्रोएशिया संबंधों को नई ऊंचाई मिली है और यह निश्चित तौर पर आने वाले वर्षों में और मजबूत होंगे।