चीन ने पेश किए हाईटेक ह्यूमेनॉइड रोबोट्स, अब फैक्ट्री में इंसानों की जरूरत नहीं?

चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित इंडस्ट्रियल रोबोट बनाने वाली कंपनी ROKAE ने एक नया ऐलान कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस कंपनी ने दो नए ह्यूमेनॉइड रोबोट्स पेश किए हैं – एक का नाम Helios है जो पहियों पर चलता है, और दूसरा है Human.X जो दो पैरों पर चल सकता है। इन दोनों रोबोट्स का मकसद इंडस्ट्री में इंसानों की जगह लेकर काम को ज्यादा तेज, सटीक और लगातार करना है।

Helios नाम का रोबोट मुख्यतः ऐसे कामों के लिए बनाया गया है जो भारी सामान ढोने, फैक्ट्री में निरीक्षण करने या छोटे-छोटे पार्ट्स की असेंबली के लिए होते हैं। वहीं, Human.X का डिज़ाइन इस तरह से किया गया है कि यह सीढ़ियां चढ़ सकता है, छोटे सामान को संभाल सकता है, और क्वालिटी चेक जैसे जटिल कार्य भी कर सकता है। यह दोनों रोबोट्स एक बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं – मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में स्किल्ड वर्कर्स की कमी।

आज की दुनिया में फैक्ट्रियां तेजी से ऑटोमेशन की तरफ बढ़ रही हैं। लेकिन इंसानी काम की गुणवत्ता को रोबोट्स से मैच करना मुश्किल होता है। ROKAE का दावा है कि उनके नए रोबोट्स न केवल इंसानों जैसे मूवमेंट कर सकते हैं, बल्कि मशीन लर्निंग और AI की मदद से निर्णय लेने में भी सक्षम हैं। इससे वे मुश्किल कामों में भी असफल नहीं होंगे।

इस कदम को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह वही ट्रेंड है जो अमेरिका की Figure AI जैसी कंपनियां भी अपना रही हैं। वहां BotQ नाम की फैसिलिटी में सालाना 12,000 से ज्यादा ह्यूमेनॉइड रोबोट्स बनाने की योजना है। इसका मकसद है रोबोट्स का इन-हाउस निर्माण ताकि क्वालिटी पर पूरा कंट्रोल रहे। ह्यूमेनॉइड इंडस्ट्री में सप्लाई चेन की कमी एक बड़ी चुनौती रही है, जिसे Figure और अब ROKAE जैसी कंपनियां खुद सॉल्व करने की कोशिश कर रही हैं।

ROKAE के इस इनोवेशन का एक और पहलू है इंस्पेक्शन यानी निरीक्षण में सुधार। आज जब फैक्ट्रियों में गुणवत्ता बनाए रखना सबसे जरूरी है, वहां इंसानों की थकान या गलती से नुकसान होता है। ABB जैसी कंपनियों ने पहले ही Robotic 3D Quality Inspection जैसे सॉल्यूशन लॉन्च किए हैं, जिनमें मशीन लर्निंग से सीखकर रोबोट खुद ही हर प्रोडक्ट की जांच कर सकते हैं। ROKAE के ह्यूमेनॉइड्स भी अब इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

इन रोबोट्स की शुरुआत एक ऐसी दुनिया की ओर इशारा करती है जहां फैक्ट्रियों में इंसान और रोबोट साथ-साथ काम करेंगे, या शायद पूरी तरह से रोबोट्स ही काम करेंगे। यह सोच पहले सिर्फ विज्ञान कथा में होती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे हकीकत बन रही है। खास बात यह है कि Helios और Human.X दोनों ही डिज़ाइन में स्मार्ट हैं, आकार में छोटे हैं, और उन्हें आसान सॉफ्टवेयर इंटरफेस के ज़रिए ऑपरेट किया जा सकता है।

चीन की यह पहल पूरी दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए चुनौती और प्रेरणा दोनों है। भारत जैसे देश जहां अभी ऑटोमेशन पूरी तरह से नहीं पहुंचा है, वहां इन रोबोट्स को देखकर आने वाले कल की तैयारी आज से शुरू की जा सकती है। इससे स्पष्ट है कि जो कंपनियां समय के साथ नहीं चलेंगी, वे पीछे रह जाएंगी।

ROKAE ने ये साबित कर दिया है कि ह्यूमेनॉइड रोबोट सिर्फ शोपीस नहीं हैं, बल्कि असली इंडस्ट्रियल वर्कर्स की तरह फैक्ट्री फ्लोर पर उतरने के लिए तैयार हैं। ये तकनीक, AI और मशीन लर्निंग के मेल से तैयार रोबोट अब इंसान के सबसे बड़े सहयोगी बनने की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में जब आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे होंगे, तो हो सकता है आपके साथ खड़ा दूसरा वर्कर इंसान नहीं, ROKAE का एक रोबोट हो।

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Akshay Barman

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