एआई का इतिहास क्या है? | AI का सफर 1943 से 2025 तक

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का इतिहास आज जितना तेज है, इसकी शुरुआत उतनी ही शांति से हुई थी। 1943 में पहली बार Warren McCulloch और Walter Pitts ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया जो इंसानी दिमाग की तरह काम करने वाले न्यूरॉन्स को कंप्यूटर पर समझाने की कोशिश करता था। यह AI के जन्म की नींव थी, जहां मशीनें इंसानों की तरह सोच सकें – यह विचार पहली बार सामने आया।

1950 में मशहूर वैज्ञानिक Alan Turing ने एक ऐसा सवाल पूछा जिसने पूरी AI दुनिया को हिला दिया – “क्या मशीनें सोच सकती हैं?” इस सवाल के जवाब के लिए उन्होंने Turing Test बनाया, जो आज भी AI की समझ को परखने के लिए इस्तेमाल होता है। 1956 में Dartmouth Conference में John McCarthy ने पहली बार “Artificial Intelligence” शब्द का प्रयोग किया और इसे एक नई रिसर्च फील्ड के रूप में लॉन्च किया।

इसके बाद 1960 और 70 के दशक में कई रोचक प्रयोग हुए। ELIZA नाम का चैटबॉट आया, जो इंसानों से बात कर सकता था। SHAKY नाम का रोबोट तैयार हुआ जो खुद चल सकता था। लेकिन 1970 के बाद AI को झटका लगा और funding कम हो गई, जिसे “AI Winter” कहा गया। इस समय लोग सोचने लगे थे कि AI शायद बस एक सपना ही रह जाएगा।

लेकिन यह सपना ज्यादा दिन तक रुका नहीं। 1980 के बाद expert systems जैसे MYCIN और DENDRAL आए, जो डॉक्टर्स और साइंटिस्ट्स को सलाह दे सकते थे। फिर 1997 में IBM का सुपरकंप्यूटर Deep Blue ने शतरंज चैंपियन Garry Kasparov को हराकर दुनिया को दिखा दिया कि मशीनें इंसानों से बेहतर सोच सकती हैं।

2012 में AI ने एक बार फिर धमाका किया, जब AlexNet ने image recognition में नया रिकॉर्ड बनाया और deep learning की शुरुआत हुई। 2016 में Google का AlphaGo इंसान को Go गेम में हरा दिया – एक ऐसा गेम जिसे मशीनों के लिए जीतना नामुमकिन माना जाता था।

2020 के बाद AI ने रफ्तार और बढ़ा दी। OpenAI ने GPT‑3, GPT‑4 जैसे बड़े भाषा मॉडल लॉन्च किए, जिन्होंने इंसानों की तरह बातें करना, कोड लिखना, गाने बनाना सब कुछ आसान बना दिया। 2022 में ChatGPT आया और 100 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

अब बात करते हैं भारत की। भारत में AI का इतिहास 1954-60 के बीच शुरू हुआ जब टीआईएफआर के प्रोफेसर एन.राजारामन ने कंप्यूटर साइंस को बढ़ावा दिया। IIT Kanpur ने 1960s में AI की पढ़ाई शुरू की। धीरे-धीरे भारत के कई रिसर्च संस्थानों जैसे IIT-M, ISI Kolkata और C-DAC ने AI पर काम करना शुरू किया। आज भारत AI में दुनिया के टॉप देशों में है।

आज AI सिर्फ रिसर्च तक सीमित नहीं है, यह हमारे मोबाइल फोन, बैंकिंग, हेल्थकेयर, एजुकेशन, और यहां तक कि खेती तक पहुंच चुका है। ChatGPT, Siri, Google Assistant, और अन्य टूल्स ने AI को आम जनता तक पहुंचा दिया है।

2025 में, AI अब खुद से सीख सकता है, फिल्म बना सकता है, और जटिल समस्याओं को हल कर सकता है। नए मॉडल जैसे Gemini, Claude और Meta AI हर दिन इंसानों को और ज्यादा सहायक बना रहे हैं। आने वाले समय में AI हमारी जिंदगी का और भी बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है।

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Akshay Barman

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