Neura Robotics ने 26 जून 2025 को अपने नए ह्यूमनॉइड रोबोट 4NE-1 को आधिकारिक रूप से पेश किया, जो वर्तमान समय के ह्यूमनॉइड रोबोट्स की तुलना में एक बड़ी छलांग माना जा रहा है। इस रोबोट में पूरी तरह से नया डिज़ाइन, जॉइंट्स और एक्टुएटर्स दिए गए हैं जो इसे बेहतर ताकत, स्थिरता और एडवांस मूवमेंट की क्षमता प्रदान करते हैं। हालांकि, अभी तक इसका वॉकिंग डेमो सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाया गया है, जिससे इसके चाल-ढाल की वास्तविक क्षमता पर सवाल उठता है। इसके बावजूद कंपनी का दावा है कि यह रोबोट जल्द ही फुल-बॉडी ऑटोमेशन के साथ कार्य करेगा।
इस लॉन्च से ठीक पहले 25 जून को Neura Robotics ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर AURA नामक AI सिस्टम का जिक्र किया, जो 4NE-1 को अलग-अलग वातावरणों में खुद को ढालने की क्षमता देता है। AURA के चलते यह रोबोट केवल इंडस्ट्रियल नहीं बल्कि हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स और डेली असिस्टेंस जैसे क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है।
एक और बड़ी खबर इस रोबोट से जुड़ी हुई है — कंपनी द्वारा कथित रूप से $1.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल करने की योजना, जो इसे इस समय की सबसे ज्यादा फंड प्राप्त करने वाली ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स कंपनी बना सकती है। इसकी तुलना में Figure AI ने अब तक $675 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इससे साफ है कि निवेशक अब ह्यूमनॉइड रोबोट्स में पहले से कहीं ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, और इसका एक बड़ा कारण जनरेटिव एआई और एडवांस्ड मशीन लर्निंग में हाल की प्रगति है।
यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब पूरी दुनिया में ह्यूमनॉइड रोबोट्स की होड़ शुरू हो चुकी है। इसी हफ्ते, 24 जून को शंघाई में Kepler Robotics ने अपना Forerunner K2 नाम का रोबोट डिप्लॉय किया है, जो औद्योगिक कार्यों में इंसानों की जगह ले रहा है। यह दिखाता है कि एशिया से लेकर यूरोप तक, ह्यूमनॉइड टेक्नोलॉजी पर काम एक गंभीर वैश्विक ट्रेंड बन चुका है।
यह सभी घटनाएं एक साथ मिलकर भविष्य की बड़ी तस्वीर पेश करती हैं — जहां इंसानों के साथ मिलकर काम करने वाले रोबोट्स तेजी से फैक्ट्रियों, हॉस्पिटल्स और सर्विस इंडस्ट्री में प्रवेश कर रहे हैं। 2023 की एक MIT रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 20%–30% नौकरियां ऑटोमेट हो सकती हैं, जिससे बड़ी संख्या में नौकरियों पर प्रभाव पड़ेगा।
इसलिए Neura Robotics का 4NE-1 केवल एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि उस बदलाव का प्रतीक बन सकता है जिसमें इंसान और मशीन साथ-साथ काम करेंगे। हालांकि, इसकी वास्तविक क्षमता और असर का मूल्यांकन तभी किया जा सकेगा जब यह सार्वजनिक रूप से डेमो में दिखाया जाएगा और अपने काम को प्रमाणित करेगा।
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