अब मच्छरों को मारने के लिए न तो कॉइल जलाने की ज़रूरत है, न ही कोई स्प्रे। अमेरिका की Photon Matrix Lab ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जो लेज़र के ज़रिए मच्छरों की पहचान करता है और उन्हें हवा में ही खत्म कर देता है। इस सिस्टम का नाम दिया गया है “Mosquito Air Defense”. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर Massimo (@Rainmaker1973) द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में इसे अंधेरे में मच्छर को ट्रैक करके लेज़र से खत्म करते हुए देखा गया।
यह केवल एक मच्छर मारने वाली मशीन नहीं है — बल्कि यह टेक्नोलॉजी के उस नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहां छोटी चीजों को भी ऑटोमैटिक सिस्टम से टारगेट किया जा सकता है। इस तकनीक में एडवांस फोटॉनिक्स, लेज़र ट्रैकिंग और माइक्रो सेंसर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसका मतलब है कि मशीन अपने आसपास के वातावरण में मौजूद उड़ने वाले कीड़ों को न सिर्फ पहचानती है, बल्कि तय कर सकती है कि उसे मारना है या नहीं।
यह प्रणाली सिर्फ घरेलू उपयोग तक सीमित नहीं है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसे सिस्टम भविष्य में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से लड़ने में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। दुनिया भर में मच्छरों से हर साल लाखों लोग संक्रमित होते हैं। अगर इस तरह के स्मार्ट सिस्टम खुले क्षेत्रों में लगाए जाएं तो बीमारी के फैलाव को काफी हद तक रोका जा सकता है।
हालांकि, यही तकनीक कुछ चिंताएं भी लेकर आती है। हाल ही में चीन द्वारा विकसित किए गए “मच्छर के आकार वाले स्पाई ड्रोन” की खबरें भी चर्चा में हैं, जो देखने में मच्छर जैसे लगते हैं लेकिन असल में जासूसी ड्रोन होते हैं। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसी मिनिएचर तकनीक का उपयोग निगरानी और सुरक्षा उल्लंघन के लिए भी किया जा सकता है?
Mosquito Air Defense जैसे सिस्टम हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि फोटॉनिक्स और AI का सही इस्तेमाल क्या है और उसकी सीमाएं क्या होनी चाहिए। एक तरफ यह टेक्नोलॉजी मच्छरों से रक्षा कर सकती है, वहीं दूसरी तरफ इसकी सहायता से इंसानों की निजता में भी हस्तक्षेप संभव है। भविष्य में जब इन सिस्टम्स का विकास और व्यापक होगा, तब सरकारों को नीति बनानी होगी कि कैसे इनका उपयोग नियंत्रित किया जाए।
बहरहाल, Photon Matrix Lab द्वारा लाया गया यह सिस्टम तकनीक की दुनिया में एक नई दिशा का प्रतीक है। अब सवाल यह है कि यह तकनीक कब बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए उपलब्ध होगी और क्या यह आम आदमी के बजट में आएगी। यदि ऐसा होता है तो शायद मच्छरों के खिलाफ लड़ाई में यह इंसान की सबसे बड़ी जीत साबित हो सकती है — वह भी बिना किसी धुएं, गंध या जहरीले कैमिकल्स के।