जमीन खरीदने पर क्यों आता है Income Tax Notice? जानिए पूरा सच और बचाव के तरीके 2025

हाल ही में आपने जमीन खरीदी और कुछ दिनों बाद आपके पास इनकम टैक्स विभाग से एक नोटिस आ गया? ऐसा कई लोगों के साथ हो रहा है और यह कोई घोटाला या गलती नहीं है। दरअसल, आयकर विभाग अब जमीन, प्लॉट या अन्य अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर बहुत बारीकी से नजर रखता है। यह नोटिस मुख्यतः उन मामलों में आता है जहां संपत्ति खरीद की जानकारी आयकर विभाग के Annual Information Statement (AIS) या Form 26AS में दिखती है लेकिन आपकी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में उसकी पुष्टि नहीं होती।

अगर आपने किसी जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई है, तो रजिस्ट्री ऑफिस यह डाटा सरकार को भेजता है और यह सीधे आयकर विभाग के डेटाबेस में जुड़ जाता है। इस डेटा को आपके PAN नंबर से लिंक किया जाता है और जैसे ही विभाग को लगता है कि आपकी आय से यह खरीद मेल नहीं खा रही, वो आपको एक “e-Campaign Notice” भेजता है। यह नोटिस पूछता है कि आपने यह जमीन कैसे खरीदी, पैसा कहां से आया, क्या आपने सही ITR फाइल किया या नहीं।

Income Tax Department का मकसद यह जानना होता है कि आपने जो संपत्ति खरीदी है, वह आपकी घोषित इनकम से मेल खाती है या नहीं। खासकर अगर आपने 10 लाख रुपये या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी है और आपकी ITR में इतनी इनकम नहीं दिखाई गई है, तो नोटिस मिलना लगभग तय होता है। कई बार यह नोटिस इसलिए भी आता है कि आपने सही तरीके से संपत्ति का ब्यौरा ITR में नहीं भरा या आपने ITR फाइल ही नहीं किया।

Income Tax Notice के आने पर सबसे जरूरी है कि आप घबराएं नहीं। यह नोटिस एक मौका होता है अपनी स्थिति स्पष्ट करने का। आपको आयकर पोर्टल पर जाकर “e-Campaign” सेक्शन में जाकर जवाब देना होता है। वहां आपको यह बताना होता है कि संपत्ति की खरीद का पैसा कहां से आया – क्या वह सेविंग्स से था, क्या आपने लोन लिया, क्या संपत्ति साझा थी, या किसी पुराने निवेश को बेचकर खरीदी गई।

अगर आपने संपत्ति किसी और के नाम से खरीदकर पेमेंट किया है और उसमें आपका नाम नहीं है, तब भी आपसे सवाल हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने सभी बैंक ट्रांजैक्शन, लोन डॉक्युमेंट्स, सेल डीड और बाकी पेमेंट प्रूफ को संभालकर रखें। जितना पारदर्शी आप होंगे, उतनी जल्दी मामला निपट जाएगा।

कई बार लोग पुराने सालों में नकद में जमीन खरीद लेते हैं और रजिस्ट्री में कम रकम दिखाते हैं। अब यह तरीका आयकर विभाग के लिए रेड फ्लैग बन गया है। आजकल रजिस्ट्री और बैंकिंग डेटा, दोनों ही विभाग के पास होते हैं और अगर कोई अंतर दिखता है तो तुरंत नोटिस भेजा जाता है। 2025 में विभाग की डेटा एनालिटिक्स टीम AI और Machine Learning से यह काम करती है, जिससे नोटिस की संख्या और स्पीड दोनों बढ़ गई है।

Income Tax के AIS और TIS जैसे नए सिस्टम ने इसे और सटीक बना दिया है। अब हर रियल एस्टेट डील, लोन ट्रांजैक्शन, रजिस्ट्री डिटेल और पेमेंट मोड एक डिजिटल ट्रैक पर होता है। इसलिए अब संपत्ति की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता और उचित रेकॉर्ड रखना बेहद जरूरी हो गया है।

अगर आपने लोन से प्रॉपर्टी खरीदी है तो बैंक का लोन सैंक्शन लेटर, EMI डिटेल्स और रजिस्ट्री के समय के बैंक स्टेटमेंट्स जरूर संभाल कर रखें। इसी तरह अगर आपने पैतृक संपत्ति बेचकर जमीन खरीदी है, तो पहले वाली डील का डाक्यूमेंटेशन जरूर रखें, ताकि आयकर विभाग को पैसे की वैधता का स्पष्टीकरण दिया जा सके।

कुछ लोग अपने रिटर्न में संपत्ति खरीद की जानकारी देना जरूरी नहीं समझते। लेकिन आयकर विभाग अब रजिस्ट्री के आधार पर जान जाता है कि आपने क्या खरीदा है और कब खरीदा है। अगर आप खुद अपनी संपत्ति और इनकम का मेल नहीं बैठा पाएंगे, तो पेनल्टी, ब्याज और सर्वे/छापे की स्थिति भी बन सकती है।

अगर आपको यह नोटिस मिला है तो सबसे पहले पोर्टल पर लॉगइन करके e-campaign या Compliance सेक्शन में जाएं। वहां बताए गए निर्देशों के अनुसार “Response” भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। यदि आपको समझ में नहीं आए कि क्या उत्तर दें, तो किसी टैक्स प्रोफेशनल या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें। गलत जवाब या कोई जवाब नहीं देना आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।

भविष्य में इस स्थिति से बचने के लिए हर साल सही समय पर ITR भरें और अपनी सारी वित्तीय जानकारी, खासकर प्रॉपर्टी डील्स, लोन और बैंक स्टेटमेंट को साफ-साफ ITR में शामिल करें। जमीन खरीदते समय पेमेंट ट्रेल स्पष्ट रखें और नकद से लेनदेन न करें। PAN नंबर से जुड़ी हर बड़ी डील का डेटा अब सरकार के पास होता है, इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहिए।

जमीन खरीदने पर Income Tax Notice क्यों आता है?

जमीन की रजिस्ट्री का डेटा आयकर विभाग को भेजा जाता है। अगर आपकी घोषित आय उस खरीद से मेल नहीं खाती, तो विभाग नोटिस भेज सकता है।

Income Tax को कैसे पता चलता है कि जमीन खरीदी गई है?

रजिस्ट्री ऑफिस और बैंकिंग सिस्टम से डेटा आयकर विभाग के AIS और Form 26AS में अपडेट होता है, जिससे उन्हें जमीन खरीद का पता चलता है।

Income Tax Notice का जवाब कैसे दें?

आपको आयकर पोर्टल पर जाकर e-Campaign सेक्शन में लॉग इन कर उत्तर देना होता है और पेमेंट के दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं।

अगर लोन लेकर जमीन खरीदी है तो भी नोटिस आएगा?

हां, लेकिन अगर आप लोन डिटेल्स और बैंक स्टेटमेंट्स से भुगतान का स्रोत स्पष्ट कर देंगे, तो कोई समस्या नहीं होगी।

क्या नकद भुगतान से जमीन खरीदना रिस्की है?

जी हां, नकद में संपत्ति खरीदना अब आयकर विभाग की नजर में संदेहास्पद होता है और इससे जुर्माना या कार्रवाई हो सकती है।

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Akshay Barman

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