Section 44ADA क्या है? जानिए फ्रीलांसर, प्रोफेशनल और छोटे बिज़नेस वालों के लिए सबसे आसान टैक्स स्कीम

अगर आप फ्रीलांसर हैं, कोई पेशेवर सेवा देते हैं, जैसे वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, टेक्निकल कंसल्टेंट, कंटेंट राइटर, डिज़ाइनर, CA, या कोई भी इंडिविजुअल जो प्रोफेशनल बेसिस पर इनकम कमा रहा है, तो Income Tax Act की धारा 44ADA आपके लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आती है। यह धारा खासतौर पर उन प्रोफेशनल्स के लिए बनाई गई है जिनकी सालाना कमाई ₹75 लाख तक की है और जो अपनी इनकम का एक हिस्सा presumptive तरीके से घोषित करके टैक्स में बचत करना चाहते हैं।

Section 44ADA एक Presumptive Taxation Scheme है, जिसका मतलब है कि आपको अपनी हर छोटी-बड़ी इनकम और खर्च का हिसाब देने की जरूरत नहीं होती। सरकार मान लेती है कि आपकी कुल इनकम का 50% हिस्सा “प्रॉफिट” है और उसी पर टैक्स लगता है। यानी अगर आपने साल भर में ₹20 लाख कमाए, तो सरकार मानेगी कि आपका ₹10 लाख मुनाफा है और उसी पर आप टैक्स देंगे। आपको यह साबित करने की जरूरत नहीं है कि आपने कितना खर्च किया या आपकी नेट इनकम क्या थी। यह तरीका खास उन लोगों के लिए बनाया गया है जिनके पास अकाउंटेंट या पूरी बुक कीपिंग टीम नहीं होती।

वित्त वर्ष 2023-24 तक Section 44ADA की लिमिट ₹50 लाख थी, लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 से सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर ₹75 लाख कर दिया है, जिससे अब ज्यादा प्रोफेशनल्स इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं। हालांकि एक शर्त यह भी जोड़ी गई है कि ₹75 लाख लिमिट का लाभ उन्हीं को मिलेगा जिनका कम से कम 95% पेमेंट डिजिटल मोड में आया हो — जैसे UPI, बैंक ट्रांसफर, कार्ड, आदि।

इस धारा के तहत सबसे बड़ी सहूलियत यह है कि आपको कोई भी Books of Accounts मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती। यानी आपको Ledger, Profit & Loss Statement, Balance Sheet जैसी चीज़ें बनाने की जरूरत नहीं है। बस आपको ITR फॉर्म 4 में जाकर अनुमान के आधार पर 50% इनकम मानकर टैक्स कैलकुलेट करना होता है और रिटर्न फाइल करना होता है। यही वजह है कि 44ADA को “Easy ITR Scheme for Professionals” भी कहा जाता है।

आपको यह भी जानना चाहिए कि 44ADA के तहत आप सिर्फ Individual, Hindu Undivided Family (HUF) या Partnership Firm के रूप में ही eligible होते हैं। LLP (Limited Liability Partnership) या Companies को इसका लाभ नहीं मिलता। साथ ही, यह स्कीम केवल “Notified Professions” के लिए है। यानी हर प्रोफेशनल इसमें नहीं आता – केवल वे ही जिनका उल्लेख आयकर अधिनियम में किया गया है, जैसे कि टेक्निकल, लीगल, मेडिकल, अकाउंटेंसी, आर्किटेक्चर, इंटरियर डिजाइन, आदि।

इस स्कीम का एक और लाभ है कि इसमें आप Advance Tax को केवल एक किस्त में 15 मार्च तक भर सकते हैं, जबकि अन्य टैक्सपेयर्स को 4 किस्तों में भुगतान करना होता है। साथ ही इसमें कोई भी टैक्स ऑडिट की जरूरत नहीं होती जब तक आप 44ADA का पालन कर रहे हों।

एक खास बात यह भी है कि अगर आप Section 44ADA चुनते हैं और एक बार इस स्कीम से बाहर जाते हैं, तो 5 साल तक वापस नहीं आ सकते। यानी यदि आपने एक साल Books of Accounts बनाकर detailed ITR फाइल कर दिया, तो अगले 5 साल तक आप 44ADA का लाभ नहीं ले सकते। इसलिए इसे चुनने से पहले अच्छे से सोचें और प्लान करें।

फ्रीलांसरों और नए जमाने के प्रोफेशनल्स के लिए यह धारा बहुत फायदेमंद है। उन्हें बार-बार क्लाइंट्स के लिए चालान, बिल, खर्चों का ब्योरा नहीं देना पड़ता। बस अपनी ग्रॉस इनकम लिखिए, उसका 50% मान लीजिए और टैक्स भर दीजिए। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए है जो छोटे स्तर पर काम करते हैं लेकिन टैक्स के डर से या हिसाब-किताब की झंझट से दूर रहते हैं।

धारा 44ADA का चुनाव करने से आप CA या अकाउंटेंट की फीस भी बचा सकते हैं, क्योंकि आपको न तो जटिल टैक्स कैलकुलेशन की जरूरत होती है और न ही किसी टैक्स ऑडिट की। अगर आपने PAN और आधार को लिंक कर रखा है, और AIS/26AS में आपकी इनकम दिख रही है, तो आप खुद भी पोर्टल पर जाकर ITR-4 भर सकते हैं और टैक्स कंप्लायंस में रह सकते हैं।

इस धारा के तहत टैक्स स्लैब वही लागू होते हैं जो सामान्य टैक्सपेयर्स पर लागू होते हैं – यानी पुराने टैक्स रिजीम या नए टैक्स रिजीम में से आप चुनाव कर सकते हैं। अधिकतर प्रोफेशनल्स पुराने टैक्स सिस्टम को चुनते हैं ताकि deductions जैसे 80C, 80D आदि का लाभ मिल सके।

Section 44ADA को अपनाकर लाखों लोग हर साल ITR फाइल करते हैं और टैक्स से जुड़ी जटिलताओं से बचते हैं। अगर आप ऑनलाइन इनकम, क्लाइंट सर्विस या किसी विशेष क्षेत्र में प्रोफेशनल इनकम कमा रहे हैं, तो यह आपके लिए आदर्श टैक्स स्कीम हो सकती है। इसका सही उपयोग करके आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं बल्कि एक कानूनी रूप से साफ और सटीक टैक्स रिकॉर्ड भी बना सकते हैं।

Section 44ADA क्या है?

यह Income Tax Act की एक धारा है जो प्रोफेशनल्स को अनुमान के आधार पर टैक्स फाइल करने की सुविधा देती है।

44ADA का लाभ किन्हें मिलता है?

वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, कंसल्टेंट, ग्राफिक डिजाइनर, राइटर जैसे प्रोफेशनल्स को।

क्या 44ADA में टैक्स ऑडिट की जरूरत होती है?

नहीं, अगर आप इसका पालन कर रहे हैं तो कोई टैक्स ऑडिट नहीं होता।

44ADA के तहत कौन सा ITR फॉर्म भरा जाता है?

ITR-4, जो Presumptive Taxation Scheme के लिए होता है।

क्या डिजिटल पेमेंट पर ही 75 लाख की लिमिट मिलती है?

हां, अगर आपकी कम से कम 95% इनकम डिजिटल मोड में है, तभी ₹75 लाख तक की लिमिट मिलती है।

Akshay Barman

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