12 जून 2025 को Paris Air Show 2025 की शुरुआत के साथ ही Airbus अचानक से ग्लोबल और भारत में Google पर ट्रेंड करने लगा है। दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में शामिल Airbus ने इस इवेंट में अपनी नई तकनीकों, इको-फ्रेंडली विमानों और फ्यूचरिस्टिक एयरक्राफ्ट डिज़ाइनों को पेश किया, जिसने aviation इंडस्ट्री से जुड़े लोगों और आम दर्शकों का ध्यान खींचा। खासतौर पर Airbus A321XLR और Airbus ZEROe जैसे हाइड्रोजन फ्यूल आधारित प्रोजेक्ट्स ने मीडिया और सोशल मीडिया दोनों में ज़बरदस्त चर्चा बटोरी।
एक और वजह Airbus के ट्रेंड करने की है – हाल ही में Boeing से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं और अमेरिका में चल रही जांच। Boeing 787 और 737 Max से जुड़ी लगातार आ रही safety complaints और whistleblower मामलों ने लोगों को Airbus जैसे alternative पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। कई देशों की एयरलाइंस अब Boeing की जगह Airbus के aircraft खरीदने की योजना बना रही हैं, जिससे निवेशकों का रुझान Airbus की ओर बढ़ रहा है और इसका असर कंपनी के शेयर प्राइस पर भी देखने को मिला है।
भारत में भी एयरबस को लेकर चर्चा तब और तेज हो गई जब इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कंपनियों ने अपने बेड़े में नई Airbus aircraft जोड़ने की योजना की पुष्टि की। इसके साथ ही, भारत सरकार की Make in India पहल के तहत Airbus का भारत में assembly unit और parts manufacturing में निवेश की खबरें भी ट्रेंडिंग में हैं। Airbus Defence and Space द्वारा भारतीय सेना के लिए C295 विमानों की डिलीवरी भी इस समय सुर्खियों में है।
Paris में चल रहे VivaTech 2025 इवेंट में Tesla की Cybercab unveiling और Airbus के parallel demo ने सोशल मीडिया यूजर्स को future of transportation पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। यह तुलना भी लगातार हो रही है कि Tesla ground autonomy ला रही है और Airbus sky autonomy पर काम कर रहा है।
Airbus के ट्रेंड करने की एक और वजह यह भी है कि लोग “FlightRadar24” जैसे tools से एयरबस की real-time फ्लाइट movements और testing tracking कर रहे हैं। कई users ने Twitter और Reddit पर Airbus के नए prototype models की testing के वीडियो शेयर किए हैं, जिनमें futuristic design और noise-less take-off दिखाया गया है।
Airbus को लेकर एक और breaking खबर यह है कि कंपनी ने 2035 तक पूरी तरह से zero-emission commercial aircraft लॉन्च करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। ZEROe नामक यह initiative aviation fuel emissions को 100% तक खत्म करने की कोशिश है, जो environment-conscious यात्रियों और देशों के लिए उम्मीद की किरण बन गया है।
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