14 जून 2025 की रात इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव का एक नया अध्याय उभरकर सामने आया, जब इजराइल ने अपने Arrow‑3 एंटी‑बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से एक 100 किमी ऊपर उड़ रहे ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। यह बैलिस्टिक मिसाइल इजराइल की तरफ उड़ रही थी, जो इमरजेंसी की स्थिति में एक बेहतरीन उपकरण साबित हो गई।
वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि किस प्रकार एक चमकदार रिंग ग्लो उत्पन्न होती है, यह काइनेटिक हिट-टू-किल प्रिन्सिपल का परिणाम होता है, जिसमें वारहेड नहीं होता है, और मिसाइल अपनी गति के बल पर ही खत्म हो जाती है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में इसे किसी “ब्लैक होल” या “एंजेलिक घटना” बताया गया, लेकिन ये सिर्फ सेंसैशनल हैं; वास्तव में यह एक ठोस तकनीकी उपलब्धि है।
यह घटना ऐसे समय में हो रही है जब इजराइल ने 13 जून को ईरान पर “Operation Rising Lion” नामक बड़े पैमाने पर सर्जिकल एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था। ईरानी मीडिया के अनुसार, इस हमले में कई वरिष्ठ जनरल , जिनमें Major General Mohammad Bagheri सहित अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल थे – की मृत्यु हुई। इसके उपरांत “Operation True Promise III” नामक मिसाइल हमले की भी पुष्टि की गई, जिसमें लगभग 150 बैलिस्टिक मिसाइल और 100 ड्रोन इजराइल पर छोड़े गए।
इस दौरान इजरायली डिफेंस सिस्टम के कई स्तर सक्रिय हुए – Arrow‑3 ने बाहरी कक्षा में मिसाइल को इंटरसेप्ट किया, जबकि Arrow‑2 और David’s Sling ने मध्यम दूरी और Iron Dome ने ख़ास तौर पर शॉर्ट‑रेंज के खतरों को रोका। अमेरिकी नौसेना ने भी समर्थन दिया और क्षेत्रीय THAAD प्रणाली की मदद से मिलकर रक्षा तंत्र को मज़बूत किया गया ।
Operation Rising Lion और ईरानी जवाबी हमले के परिणामस्वरूप टेल अवीव, येरुशलम और अन्य इलाकों में मिसाइल अलर्ट, अफरा-तफरी और नागरिक हताहत होने की भी खबर मिली है। इजराइल ने रक्षा करने का दावा किया है, बावजूद इसके कुछ मिसाइलें रक्षा प्रणाली को चकमा देकर निशान्डित लक्ष्य पर गिरीं ।
Arrow‑3 सिस्टम एक संयुक्त विकास है – इजराइल एयरस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) और Boeing ने इसे बनाया है, और तकनीकी रूप से यह hypersonic, exoatmospheric interception के लिए सक्षम है। यह 90‑डिग्री के टर्न ले सकता है, और इसकी रेंज लगभग 2,400 किमी तक है, जिससे यह ICBM स्तर की धमकियों से निपट सकता है। इतना ही नहीं, इसे anti‑satellite सिस्टम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Arrow‑3 ज़मीनी स्तर से बाहर कक्षा में हमला करती है; क्यूंकि यह exoatmosphere में होता है (70 किमी से ऊपर), इसलिए यह शॉर्ट‑रेंज किस्म के threats को Iron Dome या David’s Sling द्वारा हैंडल होने से पहले ही रोक देता है। इस तकनीक ने साबित कर दिया कि इजराइल की ऊपरी रक्षा परत ध्वस्त होनी मुश्किल है ।
राजनीतिक तौर पर इस घटना से इजराइल को आत्मविश्वास मिला है। रक्षा मंत्री ने साफ़ कहा — अगर ईरान ने सीमाएँ पार कीं तो इजराइल भी कड़ा जवाब देगा । लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंतित है कि क्या यह लड़ाई सीमित रहेगी या और तीव्र होगी – e.g. UN ने भय जाहिर किया है और कुछ देश कूटनीतिक डायलॉग मिस कर रहे हैं ।
वास्तव में, आधुनिक रक्षा प्रणाली जैसे इस एरोर‑3 इंटरसेप्शन ने यह दिखा दिया कि मिसाइल रक्षा में space-level प्रणालियों की निर्णायक भूमिका है। वे अब सिर्फ परिणाम नहीं है – बल्कि भविष्य की सैन्य रणनीति का केंद्र बिंदु बन चुके हैं। लेकिन साथ ही यह याद दिलाता है कि “shoot-down” system, जैसे Arrow‑3, Iron Dome, David’s Sling, के संगठित और कुशल उपयोग से ही संभावित बड़े युद्ध को टाला जा सकता है।
आखिरकार, इस exoatmospheric intercept ने तकनीकी शक्ति और रणनीतिक स्थिति दोनों का संदेश दिया। लेकिन यह सवाल भी खड़ा करता है कि यह संघर्ष कब तक सीमित रहेगा और कब यह क्षेत्रीय या वैश्विक लड़ाई में बदल जाएगा?
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