इजराइल का Ben Gurion Airport बना दुनिया की सुर्खियों का केंद्र – जानिए क्यों!

22 जून 2025 को Ben Gurion International Airport एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में आ गया है। इजराइल-ईरान तनाव के बीच सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलीं कि तेहरान से दागी गई मिसाइलें इस प्रमुख एयरपोर्ट को निशाना बना सकती हैं। हालाँकि, इजराइली रक्षा मंत्रालय और हवाई यातायात प्राधिकरण द्वारा अब तक ऐसी किसी हमले की पुष्टि नहीं की गई है।

Ben Gurion Airport, जो कि इजराइल का सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित माने जाने वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, अक्सर देश की सुरक्षा रणनीतियों का अहम केंद्र रहता है। इसकी सुरक्षा व्यवस्था Iron Dome और multi-layered radar systems से लैस है। फिर भी, ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते टकरावों के कारण यहां विशेष सुरक्षा चेतावनी जारी की गई।

Vince Langman द्वारा किए गए एक X पोस्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा ईरान के Fordow परमाणु ठिकाने पर GBU-57 बम गिराने की रिपोर्ट के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी गई। इस हमले के जवाब में ईरान के सुप्रीम लीडर ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि इजराइल या अमेरिका कोई और कदम उठाते हैं, तो उसका “अप्रत्याशित और अपूरणीय” परिणाम होगा।

BBC की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि इजराइली सरकार ने संभावित हमले के खतरे को देखते हुए तेल अवीव, हाइफा और विशेष रूप से Ben Gurion Airport पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है। हालांकि हवाई यातायात अभी सामान्य रूप से जारी है, फिर भी सभी इनबाउंड और आउटबाउंड उड़ानों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब Ben Gurion Airport को संभावित हमलों की धमकी मिली हो। 2014 में गाजा संघर्ष के दौरान, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने कुछ दिनों के लिए यहां की उड़ानों को निलंबित किया था। लेकिन इस बार का खतरा और भी संवेदनशील इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसमें ईरान के लंबी दूरी के मिसाइल सिस्टम और परमाणु कार्यक्रम का संदर्भ भी जुड़ गया है।

सोशल मीडिया पर भी अफवाहें तेज़ी से फैलीं कि तेहरान ने कुछ बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं और उनमें से एक Ben Gurion Airport की ओर बढ़ रही है। लेकिन बाद में इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने इस बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “कोई भी मिसाइल हमारी सीमा में नहीं घुसी है और सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।”

इन घटनाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर यात्रियों में घबराहट देखी गई। कई विदेशी एयरलाइनों ने अपने पायलटों को “होल्डिंग पैटर्न” में उड़ान भरने के निर्देश दिए हैं, जिससे किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटा जा सके।

वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से एक संक्षिप्त बयान आया कि “देश पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।” इस बयान से साफ है कि सरकार अपने रणनीतिक ठिकानों की रक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। Ben Gurion Airport पर लगे हाई-एंड surveillance drones, satellite-backed threat detection systems और airport emergency bunkers इस पूरे ऑपरेशन का हिस्सा हैं।

एक और महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे Tel Aviv क्षेत्र से दूर रहें और यात्रा योजनाओं को “स्थगित” करने की सलाह दी गई है।

यह पूरा घटनाक्रम इजराइल-ईरान तनाव की उस कड़ी का हिस्सा है जिसमें दोनों देश एक दूसरे को रणनीतिक रूप से झटका देने की कोशिश में लगे हैं। Ben Gurion Airport जैसी जगहों पर अगर कोई भी मामूली घटना होती है, तो उसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बहुत गहरा हो सकता है। इसलिए इस जगह पर किसी भी अफवाह को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

Ben Gurion Airport पर अभी कोई वास्तविक हमला नहीं हुआ है, लेकिन जो सुरक्षा स्थिति बनी हुई है, वो पूरे मिडिल ईस्ट की राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाती है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों और वीडियो को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी है, और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लेनी चाहिए।

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Akshay Barman

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