अबू धाबी में उड़ान भरता ड्राइवरलेस एयर टैक्सी, ईहैंग EH216-S ने रचा इतिहास

अबू धाबी में 6 मई 2024 को कुछ ऐसा हुआ जिसने भविष्य की सवारी को हकीकत बना दिया। चीन की ईहैंग (EHang) कंपनी द्वारा विकसित EH216-S नाम की इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट ने बिना पायलट के सफलतापूर्वक एक इंसान को लेकर उड़ान भरी। यह पहली बार था जब मध्य पूर्व और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की धरती पर कोई ड्राइवरलेस एयर टैक्सी उड़ी।

EH216-S को खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में लोगों को जल्दी, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल ढंग से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह विमान 2 यात्रियों को एक साथ लेकर उड़ सकता है और पूरी तरह इलेक्ट्रिक है, यानी इसमें पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल नहीं होता। इसका मतलब है कम प्रदूषण और कम शोर।

यह उड़ान अबू धाबी के एक विशेष स्थान पर आयोजित एक डेमो इवेंट में की गई थी, जहाँ स्थानीय अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस उड़ान को देखा। उड़ान के दौरान EH216-S ने न केवल सफर पूरा किया, बल्कि टेक्नोलॉजी और सुरक्षा के मामले में भी अपनी काबिलियत साबित की।

EH216-S की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पायलट की जरूरत नहीं होती। यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस यानी स्वचालित है। इसके अंदर एक AI बेस्ड कंट्रोल सिस्टम है जो उड़ान की योजना बनाता है, हवा और रास्ते का विश्लेषण करता है और इमरजेंसी में सभी जरूरी फैसले खुद लेता है। इसके अलावा, इसके पास बैकअप सिस्टम भी मौजूद हैं ताकि किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में तुरंत नियंत्रण पाया जा सके।

यह एयर टैक्सी अधिकतम 130 किमी/घंटा की स्पीड से उड़ सकती है और एक बार की चार्जिंग पर लगभग 35 किलोमीटर तक सफर कर सकती है। यह शॉर्ट-डिस्टेंस अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए आदर्श मानी जा रही है। इसके लिए हेलीपैड जैसी छोटी-सी जगह चाहिए होती है, जिससे इसे शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा।

ईहैंग केवल यात्री परिवहन तक सीमित नहीं है। इसके EH216 सीरीज में अन्य मॉडल्स भी हैं, जैसे कि EH216-F जो हाई-राइज़ बिल्डिंग में आग बुझाने के लिए बनाया गया है, और EH216-L जो एरियल लॉजिस्टिक्स यानी सामान ढोने के लिए है। इसका मतलब है कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है।

UAE और खासतौर पर अबू धाबी इस तरह की फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे आगे हैं। 2023 में Dubai में भी eVTOL उड़ानों को लेकर परीक्षण हुए थे। UAE का लक्ष्य है कि वह 2030 तक अपने ट्रांसपोर्ट सिस्टम का एक बड़ा हिस्सा ऑटोनॉमस एयर मोबिलिटी से जोड़े। इससे न केवल ट्रैफिक की समस्या कम होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस तकनीक को लेकर चर्चा हो रही है। भारत में भी कुछ स्टार्टअप्स और सरकारी एजेंसियां इस दिशा में रिसर्च कर रही हैं। यदि भारत जैसे देश में भी यह तकनीक सफल होती है तो ट्रैफिक की समस्या, प्रदूषण और यात्रा में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है।

EH216-S की सफलता इस बात की गवाही देती है कि भविष्य अब बहुत दूर नहीं रहा। जो बातें अब तक केवल फिल्मों में देखी जाती थीं, वो अब हकीकत बन रही हैं। ड्राइवरलेस एयर टैक्सी आने वाले समय में हमारे जीवन का हिस्सा बन सकती हैं – तेज़, स्वच्छ और स्मार्ट।

Akshay Barman

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