Google ने हाल ही में अपने टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TPUs) की एक शानदार झलक साझा की है, जो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत दे रहे हैं। GPU यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स से तुलना करें, तो TPUs खासतौर पर सिर्फ एक ही काम के लिए बनाए गए हैं – टेंसर डाटा के ज़रिए AI मॉडल को बेहद तेज़ी और कुशलता से प्रोसेस करना।
TPUs पहली बार 2016 में Google ने लॉन्च किए थे। ये एक प्रकार के कस्टम-डिज़ाइन ASIC चिप्स होते हैं, जिन्हें AI मॉडल्स को ट्रेन करने और रन करने के लिए तैयार किया गया है। खास बात ये है कि TPUs पारंपरिक GPU की तुलना में कुछ खास AI वर्कलोड्स में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। जैसे-जैसे AI का उपयोग बढ़ रहा है, Google Cloud जैसी कंपनियां GPU से TPUs की ओर तेज़ी से बढ़ रही हैं।
TPU रैक का उदाहरण देखें, तो यह आज की आधुनिक तकनीक को दर्शाता है, जहां AI एल्गोरिदम रियल-टाइम में डाटा प्रोसेस कर सकते हैं। इसी टेक्नोलॉजी का एक बड़ा उदाहरण Google DeepMind है, जिसने AI की मदद से अपने डेटा सेंटर की कूलिंग एनर्जी को 40% तक कम कर दिया। ये रिपोर्ट 2016 में खुद Google ने जारी की थी।
TPUs सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि एक विज़न हैं – कि कैसे कंप्यूटिंग हार्डवेयर सिर्फ जनरल पर्पज़ से हटकर स्पेसिफिक अप्लिकेशन के लिए डिज़ाइन किया जाए। CPUs और GPUs को एक साइड रखें, तो TPUs AI-centric हार्डवेयर के नए दौर की शुरुआत करते हैं। ASIC आधारित TPUs कम पावर में ज्यादा आउटपुट देते हैं, जिससे एनर्जी कंजंप्शन कम होता है।
2023 में इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के डेटा सेंटर्स ने 1-1.5% तक बिजली की खपत की। ऐसे में Google का यह फैसला कि उसके TPUs renewable energy से चलेंगे, एक बड़ी बात है। इससे यह साफ होता है कि गूगल केवल परफॉर्मेंस नहीं, बल्कि पर्यावरण की चिंता भी कर रहा है।
अगर इसे थोड़ा ऐतिहासिक नजरिए से देखें, तो Charles Babbage की 19वीं सदी की Difference Engine, जो मैकेनिकल गियर्स से काम करती थी, से लेकर आज के AI-powered TPUs तक का सफर तकनीकी क्रांति की मिसाल है। अब, computation सिर्फ मशीन का काम नहीं, बल्कि डेटा और एल्गोरिदम का परफेक्ट संगम है।
TPUs का इस्तेमाल आज Google Cloud के हर AI-heavy एप्लिकेशन में होता है – चाहे वह YouTube पर वीडियो recommendations हों, Gmail का स्मार्ट रिप्लाई फीचर हो या फिर Google Search के AI snippets।
क्या GPUs अब पुरानी टेक्नोलॉजी हो गई हैं?
इसका जवाब है – नहीं। GPUs अब भी जरूरी हैं, खासकर general-purpose और graphics-heavy tasks के लिए। लेकिन AI model training और inference के लिए TPUs अब एक पसंदीदा विकल्प बनते जा रहे हैं। खासकर जब कंपनियों को कम समय और कम बिजली में ज्यादा accurate result चाहिए होता है।
Google का यह ट्वीट सिर्फ एक तस्वीर नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि कंपनी किस दिशा में आगे बढ़ रही है — एक sustainable, scalable और AI-driven world की ओर।